फिरोज़पुर जेल से 43,000 फोन कॉल्स करने के मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है. हाईकोर्ट ने इस मामले में जिन लोगों को ज़मानत मिली थी, उन्हें निचली अदालत द्वारा रद्द करने के आदेश दिए हैं. साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि ऐसा नहीं किया गया, तो इसे रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में अपील की जाएगी. हाईकोर्ट द्वारा खुद उन लोगों की ज़मानतें रद्द की जाएंगी. हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस को इस मामले की जांच सही ढंग से करने के आदेश भी दिए हैं. अन्यथा, मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए जा सकते हैं.

यह उल्लेखनीय है कि यह मामला पिछले साल नवंबर में उस समय सामने आया था, जब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जेल में मोबाइल फोन के उपयोग और नशीले पदार्थों की तस्करी के बारे में रिपोर्ट मांगी थी. इसके बाद पुलिस ने जांच के दौरान पता लगाया कि जेल से 43 हजार से अधिक फोन कॉल्स कैसे हुईं.

फिरोज़पुर जेल

पंजाब जेल विभाग ने केंद्रीय जेल फिरोज़पुर से तीन तस्करों द्वारा 43,000 से अधिक फोन कॉल्स करने के मामले में गंभीर लापरवाही के कारण मौजूदा जेल अधीक्षक सहित 7 जेल अधिकारियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे. इस संबंध में पुलिस द्वारा की गई जांच के दौरान कई खुलासे हुए थे. पुलिस ने 3 नशा तस्करों द्वारा 4,200 अलग-अलग नंबरों पर फोन कॉल्स और 5,000 बार बैंक लेनदेन का पता लगाया है. पुलिस द्वारा ड्रग मनी का पता लगाने के लिए हर एक कॉलर और पैसे प्राप्त करने वाले की पहचान करने के लिए जांच की जा रही है. जांच टीम से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, “हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इनमें से कितनी कॉल्स परिवार, दोस्तों या नशा तस्करों को की गई थीं.”