नई दिल्ली। कोरोना की फिर बढ़ रही रफ्तार के साथ केरल में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया है. यूएई से आए शख्स में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद कराई गई जांच पॉजिटिव पाई गई हैं. इसके बाद उसके नजदीकी संपर्कों की भी पहचान कर जांच करने की कवायद की जा रही है. मामला सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक टीम केरल भेजी है.

केंद्र सरकार ने एक दिन पहले ही राज्यों को मंकीपॉक्स को लेकर सावधानी बरतने के लिए पत्र लिखा था. अफ्रीका के बाहर मंकीपॉक्स के मामले शायद ही कभी रिपोर्ट किया गया था. सरकार ने मई में इसे लेकर दिशानिर्देश जारी किए थे. इसके पहले डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनाम घेब्येयियस ने मंकीपाक्स को लेकर अपनी चिंता जरूर जाहिर की थी. टेड्रोस ने कहा कि मंकीपाक्स वायरस के आगे प्रसार को रोकने के लिए फौरन हरकत में आने की जरूरत है.

पश्चिम और मध्य अफ्रीकी देशों के बाहर मई की शुरुआत से मंकीपॉक्स के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली थी. ज्यादातर नए मामले पश्चिमी यूरोप में सामने आए हैं. टेड्रोस ने कहा था कि आपातकालीन समिति ने मौजूदा प्रकोप के पैमाने और गति के बारे में गंभीर चिंताओं को साझा किया.

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बता दें कि मंकीपॉक्स एक वायरस है जो एक विशिष्ट ऊबड़ चकत्ते के अलावा बुखार के लक्षणों का कारण बनता है. यह आमतौर पर हल्का होता है. इसके दो मुख्य प्रकार बताए गए हैं. इनमें से कांगो स्ट्रेन ज्यादा अधिक गंभीर है, इसमें 10 प्रतिशत तक रोगियों की मृत्यु का कारण बनता है. वहीं पश्चिम अफ्रीकी नस्ल में मृत्यु दर लगभग 1 प्रतिशत है.

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