देश में मंकीपॉक्स के केस सामने आने लगे हैं. अब तक भारत में मंकीपॉक्स के 3 केसेस पाए गए हैं. अब राजधानी में भी इस संक्रमण का पहला मामला सामने आया है. जिसके बाद भारत में मंकीपॉक्स के मरीजों की संख्या 4 हो गई है.

देश की राजधानी दिल्ली में 34 साल के एक शख्स को मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया है. व्यक्ति की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है. एक आधिकारिक सूत्र ने रविवार को यह जानकारी दी. मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने पर करीब तीन दिन पहले मरीज को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

NIV ने की पुष्टि

सूत्र के मुताबिक शनिवार को उसके सैंपल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) पुणे भेजे गए थे, जो पॉजीटिव पाए गए. नया मामला सामने आने के बाद भारत में मंकीपॉक्स के कुल मामलों की संख्या बढ़कर चार हो गई है.

बता दें कि शनिवार को ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने तेजी से बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल (global health emergency) घोषित कर दिया है. वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने कहा कि करीब 80 देशों में इस वायरस का प्रकोप एक ‘असाधारण’ स्थिति है, जो अब वैश्विक इमरजेंसी बन गया है.

क्या है मंकीपॉक्स ?

मंकीपॉक्स मानव चेचक के समान एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है. यs पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था. जिसका पहला मामला 1970 में पाया गया था. ये बिमारी मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के वर्षावन क्षेत्रों में पाई जाती है.

ये हैं लक्षण

WHO की मानें तो मंकीपॉक्स आमतौर पर बुखार, दाने और गांठ के जरिए उभरता है. इससे कई तरह की परेशानियां हो सकती है. इसके लक्षण आमतौर पर 2-4 हफ्ते तक दिखते हैं, जो अपने आप दूर होते चले जाते हैं. लेकिन कभी-कभी ये मामला गंभीर भी हो सकता है.

मंकीपॉक्स किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर के क्लोज कॉन्टेक्ट के जरिए या वायरस से दूषित सामग्री के जरिए इंसानों में फैलता है. ये चूहों, गिलहरी आदि से भी फैल सकता है. ये वायरस चेचक के मुकाबले कम संक्रामक है और कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है.

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