नई दिल्ली। दिल्ली में मंकीपॉक्स के पहले मरीज की पुष्टि हुई है. 34 साल का शख्स इस बीमारी से संक्रमित मिला है, जिसे लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) में आइसोलेट किया गया है. इसकी जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को आधिकारिक तौर पर दी. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मामले की पुष्टि पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) द्वारा की गई है. इसमें कहा गया है कि मरीज वर्तमान में लोकनायक अस्पताल में आइसोलेशन सेंटर में है. मरीज के संपर्क में आए करीबी लोगों की पहचान की गई है, जो एमओएचएफडब्ल्यू के दिशा-निर्देशों के अनुसार क्वारंटीन में हैं.

मंकीपॉक्स वैश्विक इमरजेंसी घोषित

दिल्ली में पहला मामला सामने आने के बाद भारत में मंकीपॉक्स के कुल मामले बढ़कर 4 हो गए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तेजी से बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए शनिवार को मंकीपॉक्स को वैश्विक इमरजेंसी घोषित कर दिया. वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने कहा कि 70 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स का प्रकोप एक ‘असाधारण’ स्थिति है, जो अब वैश्विक इमरजेंसी बन गया है.

मंकीपॉक्स को लेकर विशेषज्ञों की नसीहत

राजधानी में रविवार को मंकीपॉक्स का एक मामला सामने आने के बाद शहर के डॉक्टरों ने लोगों से सतर्क रहने को कहा है. डॉक्टरों ने हालांकि लोगों से कहा है कि इसे लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, विश्व स्तर पर अफ्रीका में 5 मौतों सहित 75 देशों से मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले सामने आए हैं. संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य निकाय ने शनिवार को भी संक्रमण को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया.

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बुखार और बड़े दाने हो जाते हैं शरीर में

मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है, जिसे आमतौर पर त्वचा के घावों के साथ बुखार, दाने और सूजी हुई लिम्फ नोड्स से पहचाना जाता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि, यह एक आत्म-सीमित बीमारी है और मरीज 4 सप्ताह के भीतर ठीक हो जाते हैं. फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में इंटरनल मेडिसीन के डॉक्टर बालाजी ने कहा कि सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि घबराने की जरूरत नहीं है. लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि मंकीपॉक्स एक हल्का संक्रमण है, जिसमें चेचक के समान लक्षण होते हैं.

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संक्रामक रोग है मंकीपॉक्स

सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसीन, एम्स के अतिरिक्त प्रोफेसर हर्षल साल्वे ने कहा कि मंकीपॉक्स मनुष्यों में श्वसन बूंदों और रोगियों के शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क से फैलता है. अस्पताल की निगरानी और मामलों में आइसोलेशन संक्रमण के प्रसार का मुख्य हस्तक्षेप या रोकथाम है. घबराने की जरूरत नहीं है. रविवार को जारी एक बयान में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि दिल्ली का 34 वर्षीय पुरुष रोगी वर्तमान में लोक नायक अस्पताल के एक निर्दिष्ट आइसोलेशन में ठीक हो रहा है. उन्होंने कहा कि करीबी संपर्कों की पहचान की गई है और स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार आइसोलेशन में हैं.

भारत में मंकीपॉक्स के 4 केस

रिपोर्ट किए गए मंकीपॉक्स के मामलों में संचरण मुख्य रूप से निकट शारीरिक संपर्क के माध्यम से होता है, जिसमें यौन संपर्क भी शामिल है. संक्रमण दूषित सामग्री जैसे लिनेन, बिस्तर, इलेक्ट्रॉनिक्स और संक्रामक त्वचा कणों को ले जाने वाले कपड़ों से भी हो सकता है. डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में अब तक मंकीपॉक्स के 5 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 4 भारत से और एक थाईलैंड से हैं. संक्रमित दिल्ली के व्यक्ति का विदेश यात्रा का कोई इतिहास नहीं है, लेकिन हिमाचल प्रदेश में एक पार्टी में वो संक्रमित हो गया.