रिपोर्ट- संतोष चौधरी, जशपुर। जिले की स्वास्थ्य सेवाओं ने एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार किया है। दुर्घटना में घायल एक युवक 108  एंबुलेंस संजीवनी के इन्तजार में तड़पते-तड़पते हुए दम तोड़ दिया। वहीं उसके शव का पोस्टमार्टम चीरघर की बजाय डॉक्टरों ने खुले में आसमान के नीचे कर दिया।
मामला जशपुर जिले के सन्ना क्षेत्र का है , मृतक जीतेन्द्र कुजूर अपने ससुराल नन्हेंसर गाँव में पैदल घूम रहा था तभी अचानक तेज रफ़्तार मोटरसाइकिल ने टक्कर मार दी।  टक्कर में जीतेन्द्र कुजूर गंभीर रूप से घायल हो गया था , परिजनों ने मदद के लिए 108 को फोन लगाया लेकिन 108 ने वहां आने में असमर्थ बता कर फ़ोन काट दिया।
परिजन निजी गाड़ी की व्यवस्था कर रहे थे तब तक घायल जितेन्द्र ने दम तोड़ दिया , परिजनों ने इसकी सूचना सन्ना पुलिस को दी , पुलिस ने आकर शव को अपने कब्जे में लिया और शव को पोस्टमार्टम के लिए सन्ना अस्पताल भेज दिया। डाक्टरों ने शव का पोस्टमार्टम जंगल किनारे खुले आसमान के नीचे कर दिया।
डॉक्टरों का कहना है कि चीरघर जर्जर हालत में है जिसकी वजह से शवों को खुले में ही पोस्टमार्टम करना पड़ता है। उधर इस मामले में जिला कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।
बताया जा रहा है कि यहां 10-15 सालों से इसी तरह खुले में आसमान के नीचे पोस्टमार्टम किया जाता है। इसे लेकर न तो यहां के जनप्रतिनिधी ही गंभीर हैं और न ही कोई अधिकारी, कलेक्टर की चुप्पी से तो यही साबित होता है।

देखें वीडियो

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