माले। आखिरकार मालदीव में तैनात भारतीय सैन्य कर्मियों की घर वापसी शुरू हो गई है. इस कड़ी में सोमवार को हेलीकॉप्टर के संचालन का नियंत्रण भारतीय नागरिक दल को सौंपने के बाद सैनिकों का पहला दल वापस लौट गया.

इसके पहले 26 भारतीय नागरिक कर्मियों का पहला समूह 26 फरवरी को अड्डू शहर में हेलीकॉप्टर का संचालन करने वाले भारतीय सैन्य कर्मियों की जगह लेने के लिए पहुंचा था.

भारतीय नागरिक दल को हेलीकॉप्टर संचालन सौंपने के बाद अड्डू शहर में तैनात भारतीय सैनिक भारत लौट आए हैं. हालांकि, इस संबंध में भारतीय रक्षा मंत्रालय की ओर से तत्काल कोई पुष्टि नहीं की गई है.

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, जिन्हें चीन समर्थक नेता के रूप में देखा जाता है, पहले ही कह चुके हैं कि 10 मई के बाद कोई भी भारतीय सैन्यकर्मी, यहां तक कि नागरिक कपड़ों में भी, उनके देश के अंदर मौजूद नहीं होगा.

दोनों पक्षों के बीच 2 फरवरी को नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद, मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत 10 मई तक मालदीव में तीन विमानन प्लेटफार्मों का संचालन करने वाले अपने सैन्य कर्मियों को बदल देगा और प्रक्रिया का पहला चरण 10 मार्च तक पूरा हो जाएगा.

भारत इस शर्त पर मालदीव से अपने सैनिकों को हटाने पर सहमत हुआ था कि विमान को संचालित करने के लिए सैन्य उपस्थिति के बराबर संख्या में अपने नागरिकों को लाया जाएगा.

मालदीव की भारत से निकटता, लक्षद्वीप में मिनिकॉय द्वीप से बमुश्किल 70 समुद्री मील और मुख्य भूमि के पश्चिमी तट से 300 समुद्री मील की दूरी, और हिंद महासागर क्षेत्र के माध्यम से चलने वाले वाणिज्यिक समुद्री मार्गों के केंद्र पर होने की वजह से इसे सामरिक तौर पर महत्वपूर्ण बनाता है.