स्पोर्ट्स डेस्क– वाकई इस खिलाड़ी का कोई जवाब नहीं, कॉमनवेल्थ गेम्स में अगर भारत ताबड़तोड़ प्रदर्शन कर रहा है, तो उसमें ऐसे खिलाड़ियों का बड़ा रोल है, जिन्होंने पहली बार इन खेलों में भारत को मेडल दिलाया है। इतिहास रचा है, जो अबतक कोई भारतीय महिला खिलाड़ी नहीं कर सकीं वो कर दिखाया है।
गोल्ड कोस्ट में चल रहे 21 वें कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है, और गोल्ड मेडल की लाइन लगा दी है। भारतीय खेलों के लिए खुशी की बात ये है कि कुछ नए खिलाड़ी नए खेलों में उभरकर सामने आए हैं जिन्होंने देश के लिए मेडल जीता है, ये भी भारतीय खेलों के लिए एक बड़ी एचीवमेंट है।

टेबल टेनिस में बत्रा ने रचा इतिहास
कॉमनवेल्थ गेम्स में टेबल टेनिस में कमाल हो गया है, भारतीय महिला खिलाड़ी मनिका बत्रा ने इतिहास बना दिया है, टेबल टेनिस के विमेंस सिंगल्स में मनिका बत्रा ने भारत के लिए अब तक का पहला गोल्ड मेडल जीता है, ऐसा अबतक कोई भी भारतीय विमेंस खिलाड़ी नहीं कर सकी है।टेबल टेनिस के विमेंस सिंगल्स के फाइनल मैच में मनिका बत्रा ने सिंगापुर की यू मेंग्यू को 4-0 से हराकर इतिहास रचा है।
22 साल की मनिका बत्रा के लिए इस बार का ये पूरा कॉमनवेल्थ गेम्स ही शानदार रहा, इससे पहले टीम इवेंट में भी भारत को मेडल दिलाने में अहम रोल अदा किया है।
इस पूरे कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान मनिका बत्रा अपने शानदार फॉर्म में रहीं। इतना ही नहीं विमेंस डबल्स में सिल्वर मेडल जीतने में भी अहम रोल अदा किया, और अभी मिक्स्ड डबल्स में ब्रॉन्ज मेडल के लिए खेलेंगी, जहां एक और पदक अपने और देश की झोली में डाल सकती हैं, उम्मीद है कि मनिका बत्रा का ये खेल लगातार जारी रहेगा। और एक दिन ओलंपिक में भी मनिका बत्रा देश को मेडल दिलाने में कामयाब रहेंगी।

पहली बार जेवलिन थ्रो में मिला गोल्ड
मनिका बत्रा ने जहां टेबल टेनिस विमेंस सिंगल्स में गोल्ड जीतकर इतिहास रचा, तो वहीं जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने भारत को पहली बार गोल्ड मेडल दिलाया, जो भारतीय खेलों के लिए एक बड़ी एचीवमेंट है।