सत्यपाल राजपूत, रायपुर। शिक्षा के अधिकारी (आरटीई) के तहत भर्ती के लिए आवेदन का पहला चरण खत्म हो गया है. शुक्रवार को पहले चरण की अंतिम तारीख थी. इन आवेदनों पर अब 15 जुलाई को लॉटरी के माध्यम से भर्ती दी जाएगी. वहीं दूसरी ओर जो गरीब पालक पहले चरण में आवेदन नहीं कर पाए हैं उनकी चिंता बढ़ गई है. उन्हें डर की उनके बच्चों को अब अच्छे स्कूलों में भर्ती नहीं मिल पाएगी. लेकिन लोक शिक्षण संचालक ने कहा कि पालकों को घबराने की जरूरत नहीं है.

भर्ती प्रक्रिया होने के बाद बाक़ी सीट के लिए आवेदन ली जाएगी. पहले चरण में प्रदेश से 75 से ज़्यादा हज़ार आवेदन मिले, प्रदेश में हिंदी और अंग्रेज़ी मीडियम को मिलाकर 90 हजार से ज़्यादा सीट है . यानी 15 हजार सीट खाली रहेंगे.

लोक शिक्षण संचालक जितेन्द्र शुक्ला ने कहा कि जब तक सीट ख़ाली है स्कूलों में प्रवेश जब तक दिया जा सकता है. ये अंतिम तिथि नहीं है, ये पहले चरण का अंतिम तिथि है, इसमें आए आवेदन के बाद लॉटरी निकालने के बाद फिर से भर्ती ली जाएगी. हमारा लक्ष्य है कि जितने ज्यादा सीट भरे उतना ही योजना सफल होगा. अभी जो पालक आवेदन नहीं कर पाएं है वो घबराएं नहीं, उन्हें और मौका मिलेगा.

पालक संघ का कहना है कि हर साल 40-50 प्रतिशत सीट खाली रहता है, और स्कूटनी के नाम पर आवेदन को रद्द कर दिया जाता है. इसके पीछे जिम्मेदार अधिकारियों का क्या मंशा है ये तो वहीं बता सकते हैं. शिक्षा के अधिकार के तहत अब तक खाना पूर्ति होता रहा है, अब इस साल प्रक्रिया पूरी होने के बाद पता चलेगा.

बता दें कि पिछले सत्र 2019-20 में प्रदेश में 80 हजार से ज्यादा सीट था, लेकिन कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद सिर्फ 46571 सीट भरा बाकी 43 हजार से ज्यादा सीट खाली रहा है.