रायपुर- 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में इस बार ये पहला मौका होगा,जब 27 में से 5 जिला मुख्यालयों में महिला जनप्रतिनिधियों को ध्वजारोहण करने का मौका दिया गया है. छत्तीसगढ़ में इससे पहले कभी इतनी संख्या में महिला जनप्रतिनिधियों को गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि बनने का मौका नहीं मिला पाया था.मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नारी सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ते हुए बड़ी संख्या में महिला जनप्रतिनिधियों को ध्वजारोहण करने का मौका दिया है.

जिन महिला जनप्रतिनिधियों को इस बार ध्वजारोहण करने का मौका मिलेगा,उनमें स्वाभाविक तौर पर पहला नाम अनिला भेड़िया का आता है,क्योंकि वे भूपेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और इस नाते उनका अपने गृह जिला बालोद में ध्वजारोहण करना पहले से तय था. इनके अलावा कोरिया जिला मुख्यालय में बैकुंठपुर से पहली बार विधायक चुनकर आईं अम्बिका सिंहदेव को गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि बनाने का निर्णय लिया गया है.चूंकि कोरिया जिले के तीनों विधायक पहली बार जीत कर आये हैं,इसलिये अम्बिका सिंहदेव जिला मुख्यालय वाले इलाके की विधायक होने के कारण मुख्य अतिथि बनाई गई हैं.

बिलासपुर में रश्मि आशीष सिंह को गणतंत्र दिवस समारोह का मुख्य अतिथि बनाया गया है,जिस पर स्थानीय विधायक शैलेष पांडेय ने नाराजगी जाहिर की है. लेकिन सरकार से जुडे सूत्रों का कहना है कि बिलासपुर जिले से निर्वाचित दोनों विधायक पहली बार विधायक बने हैं, इसलिये वहां पर महिला जनप्रतिनिधि को वरीयता दी गई.इसी तरह धमतरी जिले से कांग्रेस की एकमात्र विधायक लक्ष्मी ध्रुव को ध्वजारोहण कर परेड़ की सलामी लेने का जिम्मा सौंपा गया है.सबसे रोचक तस्वीर मुंगेली जिले में देखने को मिलेगी,जहां जिला पंचायत अध्यक्ष कृष्णा दुर्गा बघेल को ध्वजारोहण करने का सुनहरा मौका मिलेगा,जो शायद उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा. चूंकि मुंगेली और दंतेवाडा दो ही जिले ऐसे हैं,जहां से कांग्रेस के विधायक नहीं हैं. ऐसे में किसी दूसरे जिले के विधायक को ध्वजारोहण का मौका मिल सकता था, लेकिन सरकार ने स्थानीय महिला जनप्रतिनिधि को वरीयता देते हुए कृष्णा बघेल से ध्वजारोहण कराने का निर्णय लिया. इस तरह नारी सशक्तिकरण के मामले में 2019 का गणतंत्र दिवस समारोह सुनहरे अक्षरों में लिखा जायेगा.