IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ का चौथा मुकाबला मैनचेस्टर में शुरू हो चुका है। इस मैच में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का फैसला किया। सीरीज़ में फिलहाल इंग्लैंड 2-1 से आगे है, ऐसे में यह टेस्ट मुकाबला टीम इंडिया के लिए ‘करो या मरो’ वाला बन गया है। इस मैच के लिए कप्तान गिल ने टीम के चयन में एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला लिया गया है, जो आज तक कभी नहीं हुआ था। कौनसा है वो फैसला ? आइये विस्तार से जानते है।

बता दें कि भारतीय टीम को इस मैच में चोटिल खिलाड़ियों की वजह से बदलाव करने पड़े हैं। नीतीश रेड्डी और आकाश दीप के अनफिट होने के चलते टीम इंडिया ने तीन बदलाव किए हैं। करुण नायर की जगह साई सुदर्शन को मौका मिला है, जिन्होंने प्लेइंग 11 में वापसी की है। ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर ने नीतीश रेड्डी की जगह टीम में वापसी की है। वहीं, 24 वर्षीय तेज़ गेंदबाज़ अंशुल कंबोज इस मैच से टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू कर रहे हैं। उन्होंने आकाश दीप की जगह टीम में एंट्री ली है।

भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा कारनामा

इस मैच के लिए भारतीय टीम के चयन में एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला लिया गया है, जो आज तक कभी नहीं हुआ था। दरअसल, भारतीय टीम इस मैच में 5 बाएं हाथ के बल्लेबाजों- यशस्वी जायसवाल, ऋषभ पंत, रविंद्र जडेजा, साई सुदर्शन और वॉशिंगटन सुंदर के साथ मैदान पर उतरी है। क्रिकेट विशेषज्ञ इस निर्णय को लेकर उत्सुक हैं कि क्या यह रणनीतिक बदलाव भारतीय टीम के पक्ष में जाएगा या इंग्लिश गेंदबाज़ों को मदद करेगा।

कैसा है ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान की पिच का मिजाज ?

ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान की पिच पर बल्लेबाजों को खूब फायदा मिलता आया है और इतिहास में यहां कई बड़े स्कोर बने हैं। इस ग्राउंड पर एक पारी में सर्वाधिक टेस्ट स्कोर ऑस्ट्रेलियाई टीम के नाम दर्ज है जब 1964 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 8 विकेट के नुकसान पर 656 रन बनाकर पारी घोषित की थी। जबकि यहां इंग्लैंड ने सबसे बड़े लक्ष्य (294) को हासिल करने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। इस मैदान पर गेंदबाजों में तेज गेंदबाजों का बोलबाला रहा है। ये वही मैदान है जहां पर इंग्लैंड के पूर्व महान तेज गेंदबाज जिम लेकर ने एक पारी में 10 विकेट और एक मैच में 19 विकेट लेने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। ऐसे में यहां पर तेज गेंदबाजों से सभी बल्लेबाजों को संभलकर रहना होगा।

आपको बता दें कि यहां पर न्यूनतम टेस्ट स्कोर भारत के नाम दर्ज है जब 1952 में इंग्लैंड के गेंदबाजों ने भारतीय पारी को 58 रन पर समेट दिया था। मैनचेस्टर में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम का औसत स्कोर 324 रन है। यहां अब तक खेले गए 85 टेस्ट मैचों में 33 मैच मेजबान टीम ने जीते हैं जबकि 15 मुकाबले उस टीम ने जीते हैं जो टूर पर है। वहीं एक मैच न्यूट्रल टीम ने अपने नाम किया है। मैनचेस्टर में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम को 32 बार जीत मिली है, जबकि बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीम को 17 बार जीत हासिल हुई है।

भारत बनाम इंग्लैंड हेड टू हेड में किसका पलड़ा भारी

भारत और इंग्लैंड के बीच हेड टू हेड आंकड़ों की बात की जाए तो दोनों टीमों के बीच अब तक 139 टेस्ट खेले गए। इसमें 53 इंग्लैंड ने अपने नाम किए, जबकि 36 मैच टीम इंडिया ने जीते। वहीं, 50 टेस्ट ड्रॉ रहे। भारत ने इंग्लैंड में 70 टेस्ट खेले। 10 ही जीते, लेकिन टीम ने यहाँ 22 टेस्ट ड्रॉ भी कराए हैं। 38 मुकाबलों में इंग्लैंड को जीत मिली।

दोनों टीमों के बीच अब तक 36 टेस्ट सीरीज़ खेली गईं। 19 इंग्लैंड ने और 12 भारत ने जीतीं, जबकि 5 ड्रॉ रहीं। 1932 से 2025 तक 94 साल में टीम इंडिया ने इंग्लैंड में 19 टेस्ट सीरीज़ खेलीं। भारत ने 3 जीतीं, जबकि 2 ड्रॉ खेलीं। वहीं, 14 में टीम को हार का सामना करना पड़ा। भारत ने इंग्लैंड में आख़िरी बार साल 2007 में टेस्ट सीरीज़ अपने नाम की थी। तब राहुल द्रविड़ भारत के कप्तान थे।

मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में भारतीय टीम का प्रदर्शन

ओल्ड ट्रैफर्ड में इंग्लैंड ने 4 टेस्ट हराए। भारतीय टीम ने ओल्ड ट्रैफर्ड में पहला टेस्ट 1936 में खेला था। यह मैच ड्रॉ रहा था। 1936 से अब तक 89 सालों में भारत ने यहाँ 9 टेस्ट खेले, 4 गंवाए, जबकि 5 मुकाबले ड्रॉ रहे।

भारत और इंग्लैंड दोनों टीमों की प्लेइंग 11 इस प्रकार है

भारत

यशस्वी जयसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, शुभमन गिल (कप्तान), ऋषभ पंत (विकेटकीपर), रवींद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, अंशुल कंबोज।

इंग्लैंड

जैक क्राउली, बेन डकेट, ओली पोप, जो रूट, हैरी ब्रूक, बेन स्टोक्स (कप्तान), जेमी स्मिथ (विकेटकीपर), लियाम डॉसन, क्रिस वोक्स, ब्रायडन कार्स, जोफ्रा आर्चर।

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