कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश अपनी कला संस्कृति के लिए देश मे अलग पहचान रखता है। यही वजह है कि प्रदेश की पांच कलाओं को जीआई (GI) टैग मिला है। इन कलाओं में ग्वालियर की पेपर मेशी और स्टोन क्राफ्ट भी शामिल है। ग्वालियर में पेपर मेशी और स्टोन क्राफ्ट कला के संरक्षण और संवर्धन के लिए लगातार काम किया जा रहा है। GI टैग मिलने से इन उत्पादों के कारीगरों को रोजगार के नए मौके मिलेंगे।
दरअसल, ग्वालियर का स्टोन क्राफ्ट और पेपर मेशी कला बहुत ही खास है। काफी सालों से इसे GI टैग दिलाने का प्रयास किया जा रहा था। इसी कड़ी में बीती साल इस टैग को हासिल करने आवेदन किया गया, जिसके बाद सभी जांच और दावे की प्रक्रिया से गुजरने के बाद आखिरकार इन्हें GI टैग मिला है। इसके बाद अब ग्वालियर के स्टोन क्राफ्ट और पेपर मेशी उत्पादों को अंतराष्ट्रीय बाजार में अपनी पहचान और स्थान दिलाने का मौका मिलेगा।
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शिल्पी कलाकारों को मिलेंगे रोजगार के नए अवसर
इस क्षेत्र में काम करने वाले शिल्पियों कलाकारों को रोजगार के नए अवसर भी मिल सकेंगे। जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग मिलने से ग्वालियर की शिल्प कलाएं और अधिक विकसित होगी। ग्वालियर में पेपर मेशी और स्टोन क्राफ्ट कला के संरक्षण और संवर्धन के लिए लगातार काम किया जा रहा है। आपको बता दें कि प्रदेश में ग्वालियर के स्टोन क्राफ्ट और पेपर मेशी के साथ बैतूल के भरेवा मेटल क्राफ्ट, छतरपुर के फर्नीचर, खजुराहो के स्टोन क्राफ्ट को भी GI टैग मिला है। इस लिहाज से कला संस्कृति से समृद्ध मध्य प्रदेश को एक और नई ऊंची उड़ान भरने का मौका मिला है।
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