रायपुर। आईएसबीएम विश्वविद्यालय कैम्पस में देश का 74वां स्वतंत्रता दिवस सादगी पूर्वक एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मनाया गया. कार्यक्रम का आरंभ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं भारत माता की फोटो में माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ. कुलपति डा. आनंद महलवार ने ध्वजारोहण किया, उसके बाद राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रगान संपन्न हुआ. विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार राकेश तिवारी ने बताया कि वैश्विक महामारी करोना के संक्रमण काल को ध्यान में रखते हुए स्वतंत्रता दिवस का यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति, रजिस्ट्रार, डीन सहित सीमित संख्या में प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति में आयोजित किया गया.

विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. विनय अग्रवाल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा इस राष्ट्रीय पर्व पर विवि के सभी कर्मचारियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि अपने संदेश में देश की संस्कृति एवं परंपरा की रक्षा पर जोर देते हुए कहा कि आजादी के बाद हम आर्थिक, कृषि, उद्योग इत्यादि के क्षेत्र में तो आगे बढ़े, लेकिन हमारी संस्कृति एवं परंपरा लगातार हमसे छूट रही है, जिसकी रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है.

आज देश एवं समाज में किसी भी प्रकार के सहयोग की बात आती है तो हम व्यवस्था एवं सरकार की ओर ताकने लगते हैं. भारतीय ऋषिमुनियों एवं महापुरूषों ने हमारे अंदर जो आंतरिक शक्ति विकसित की है आज हम उसका इस्तेमाल करें और स्वयं आगे बढ़ें तथा दूसरों को भी प्रेरित करें.

कुलपति डा.आनंद महलवार ने देश की स्वतंत्रता एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करते हुए कहा कि भारतीय नागरिकों को इसकी महत्ता एवं गरिमा को समझना चाहिए. उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि एक शिक्षण संस्थान होने के कारण हमारी यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने का प्रयास करें.

विवि के कुलसचिव डॉ बीपी. भोल ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारा देश आज संक्रमण काल से गुजर रहा है और हमें वर्तमान परिवेश में अर्थनिधिक और सामाजिक स्वाधीनता की ओर अग्रसर होने की आवश्यकता है. सामाजिक व्याधियों के निवारण के लिए सामाजिक जागृति और अर्थनिधिक स्वाधीनता के लिए हमें स्वदेशी कौशल के साथ स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए और इस दिशा में सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के डीन एवं सभी विभागाध्यक्षों के साथ प्राध्यापक एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित थे.