सुमन शर्मा, कटिहार। जिले में गंगा और कारी कोसी नदी के जलस्तर में अचानक हुई वृद्धि के बाद बरारी विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ ने भारी तबाही मचा दी है। बाढ़ का पानी गांवों और घरों में घुस गया है, जिससे लोग अपने घर छोड़कर सड़क किनारे या ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं।
दो हजार से अधिक की आबादी बुरी तरह प्रभावित
सबसे ज्यादा असर समेली प्रखंड के मुरादपुर, पश्चिमी चांदपुर, छोआर सहित कई पंचायतों में देखने को मिला है। यहां कारी कोसी नदी के उफान से लगभग दो हजार से अधिक की आबादी बुरी तरह प्रभावित हुई है। पीड़ित लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। न तो सरकारी राहत मिल रही है और न ही पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था है।
राजद नेत्री बेबी यादव ने किया दौरा
बरारी की राजद नेत्री बेबी यादव ने बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि, “लोगों के घर डूब गए हैं, कहां शरण लेंगे? कोई सुविधा नहीं, कोई राहत नहीं, 15 दिनों से लोग त्राहिमाम हैं। सरकार तुरंत पहल करे।”
सूखा राशन खाने को मजबूर हुए लोग
स्थानीय बाढ़ पीड़ित चरित्र मंडल, लालू मंडल, सुबोध और कई महिलाएं बताती हैं कि वे घर में रखा सूखा राशन चूड़ा और मुढ़ी खाकर किसी तरह पेट भर रहे हैं। पानी का स्तर इतना ज्यादा है कि घर छोड़कर ऊंचे स्थानों पर रहना उनकी मजबूरी बन गई है। कटिहार के बरारी इलाके में बाढ़ की मार से जिंदगी ठहर सी गई है। लोग अब सिर्फ एक आस लगाए बैठे हैं कि, राहत और मदद जल्द पहुंचे।
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