प्रमोद कुमार/कैमूर: जिले में बाढ़ जैसे हालात हो गए है. करीब 150 से 200 किसानों का धान का फसल डूब गया है. इस पानी का निकासी भी नहीं है. मामला कैमूर प्रखण्ड के रामपुर प्रभावित इलाके है. पहाड़ी इलाके में लगातार बारिश होने के बाद ग्रामीण इलाके में बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है, जिससे किसानों के  सैकड़ों एकड़ धान की फसल डूब गई है. किसानों को फसल बर्बाद होने की चिंता सताने लगी है. आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, ऐसी स्थिति रामपुर प्रखंड के पांडेयपुर और झाली सहित कई गांव में देखने को मिल रही है. 

निकासी का व्यवस्था नहीं

पांडेयपुर गांव के मनोज प्रसाद, बाबूलाल बिंद ने बताया कि झाली और पांडेयपुर गांव के सड़क के दक्षिण हिस्से में पहाड़ी बारिश के पानी आने से जलजमाव हो गई है. बाढ़ जैसी स्थिति है और 150 से अधिक किसानों की रोपी गई धान की फसल पूरी तरह से डूब गई है. अगर समय रहते पानी का निकासी नहीं होता है, तो फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा. पानी निकासी का व्यवस्था नहीं है. यह समस्या कई सालों से हो रही है. 

पानी से खराब हो रही सड़क 

इस गांव में रहने वाले कई लोगों के घरों में पानी घुस गया है, जिसकी वजह से लोगों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही है. लोगों ने बताया कि पहाड़ी पानी आने से जलजमाव और बाढ़ जैसा स्थिति हो गया है. पानी निकासी के लिए लगे कई नाला और बीमा को लोगों ने अतिक्रमण कर बंद कर दिया है. जिसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हो गई. पांडेयपुर गांव से मझिआंव गांव जाने वाली रास्ता में भी पहाड़ी इलाके का पानी पहुंच गया है. जिससे लोगों को घुटने तक पानी से होकर आना जाना पड़ रहा है. ईंट वाली सड़क भी पानी से खराब होकर उखड़ने लगा है. 

खेती पर निर्भर है किसान 

पांडेयपुर गांव के संगीता देवी ने बताया कि बारिश की वजह से उनका मिट्टी का घर गिर गया है. काफी परेशानी हो रही है. यह ऐसा समय है, जब किसान धान की रोपनी करते है. जब एक बार रोपनी हो जाती है, तो फिर धान के बिछड़े नहीं मिलते, खेत परती ही रह जाती है. कैमूर के किसान खेती पर निर्भर है, जिस वर्ष धान की फसल अच्छी हुई, तो घर का चूल्हा ठीक से चलता है. घर के खर्च भी खेती पर निर्भर है. जिस साल फसल नहीं हुई, किसानों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ता है.

ये भी पढ़े- Bihar News: भूमि विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच हुई जमकर मारपीट, आधा दर्जन लोग हुए जख्मी