राजधानी दिल्ली में यमुना नदी(Yamuna River) का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और हालात गंभीर होते जा रहे हैं. शनिवार सुबह करीब 9 बजे पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर 205.22 मीटर दर्ज किया गया, जो कि खतरे के निशान 205.33 मीटर से कुछ ही कम है. इससे यमुना किनारे स्थित निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.

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बैराज से छोड़ा गया पानी बनी वजह

केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अधिकारियों ने बताया कि यमुना का जलस्तर बढ़ने का मुख्य कारण वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा जा रहा पानी है. इन दोनों बैराजों से हर घंटे भारी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके चलते नदी का स्तर तेजी से ऊपर जा रहा है.

प्रशासन सतर्क, एजेंसियां अलर्ट पर

जलस्तर में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रशासन ने कहा है कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है. सभी संबंधित एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है और उन्हें बाढ़ जैसी संभावित स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है. अधिकारियों का कहना है कि यदि जलस्तर और बढ़ा तो जल्द ही यमुना किनारे स्थित इलाकों में पानी भरना शुरू हो जाएगा और वहां रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ेगा.

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क्यों बढ़ रहा है जलस्तर?

केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार, जलस्तर बढ़ने का मुख्य कारण वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा जा रहा पानी है. हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे लगभग 38,897 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. वजीराबाद बैराज से करीब 45,620 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि बैराज से छोड़ा गया पानी दिल्ली तक पहुंचने में 48 से 50 घंटे लगता है. ऐसे में आने वाले एक-दो दिन बेहद अहम होंगे.

प्रशासन सतर्क

अधिकारियों ने बताया कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. सभी संबंधित एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है ताकि जरूरत पड़ने पर राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू किया जा सके.

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चेतावनी स्तर: 204.50 मीटर

खतरे का निशान: 205.33 मीटर

निकासी का स्तर: 206 मीटर

अगर जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो जल्द ही यमुना किनारे के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो जाएगा और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना पड़ेगा.

प्रभावित हो सकते हैं ये इलाके

यमुना के बढ़ते पानी से सबसे पहले तटीय और निचले इलाके प्रभावित होते हैं. इनमें आईटीओ, मजनूं का टीला, यमुना बाजार, निगम बोध घाट और आसपास के क्षेत्र शामिल हैं.