वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। गरियाबंद में फ्लोराइड युक्त पानी के मामले में आज हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। पीएचई (जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी) विभाग ने कोर्ट में एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की, जिसमें कहा गया कि साफ पानी उपलब्ध कराने के लिए विभाग पूरी कोशिश कर रहा है। हाई कोर्ट ने बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए इस मामले की निगरानी करने की बात कही। मामले में अगली सुनवाई नवंबर में होगी।

बता दें कि हाई कोर्ट ने गरियाबंद सहित पूरे प्रदेश में स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर जोर दिया। गौरतलब है कि गरियाबंद जिले के अधिकांश गांवों में पानी में फ्लोराइड की अधिक मात्रा होने के कारण बच्चे डेंटल फ्लोरोसिस का शिकार हो रहे हैं। कोर्ट ने इस स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि साफ और सुरक्षित पानी उपलब्ध कराना राज्य शासन की जिम्मेदारी है।

गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने पीएचई सचिव को शपथ पत्र देकर यह बताने को कहा था कि इसके लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं। मामले की सुनवाई के दौरान यह जानकारी भी सामने आई कि जिले के 40 गांवों में 6 करोड़ की लागत से प्लांट लगाए गए, लेकिन वह कुछ महीनों में ही बंद हो गए। इस पर विभाग की ओर से बताया गया कि 40 फ्लोराइड रिमूवल प्लांट में से 24 सही तरीके से काम कर रहे हैं। बाकी को सुधारा जा रहा है।

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