सदफ हामिद, भोपाल। द फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह का शुक्रवार देर रात निधन हो गया। मिल्खा सिंह ने जीवन की आखरी रेस में कोरोना को हरा दिया था लेकिन जिंदगी से जंग हार गए। शुक्रवार की देर रात चंडीगढ़ के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया। उनके निधन पर देश के खेल जगत में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित खेल जगत की हस्तियों ने मिल्खा सिंह के निधन पर गहरा दुख जताया है।

सीएम शिवराज सिंह ने ट्वीट कर कहा, “भारत के गौरव, महानायक ‘द फ्लाइंग सिख’ मिल्खा सिंह जी के निधन से गहरा दुख हुआ। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। उन्हें हमारे देश को गौरवान्वित करने के लिए उनके अभूतपूर्व धैर्य और दृढ़ता के लिए याद किया जाएगा। वह हम सभी के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत रहेंगे।”

मिल्खा सिंह का जीवन बेहद कठिनाइयों में बीता। 1947 में भारत-पाक विभाजन के दौरान उपजे हालातों में मिल्खा ने अपने माता-पिता को खो दिया और वे शरणार्थी ट्रेन द्वारा पाकिस्तान से भारत पहुंचे। हालातों से लड़ते उन्हें हराते हुए मिल्खा सिंह फ्लाइंग सिख बने। उनकी उड़ान भारत के साथ ही विदेशों में भी जारी रही। 400 मीटर की दौड़ में उन्होंने विश्व कीर्तिमान रचा। साल 1958 में वेल्स में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता। पाकिस्तान में हुई रेस को पलक झपकते जब उन्होंने जीता तो दुनिया उन्हें फ्लाइंग सिख के नाम से जानने लगी। एशियन गेम्स में 4 बार उन्होंने गोल्ड मेडल जीता। साल 1959 में देश ने उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया।

उनके जीवन के संघर्षों पर साल 2013 में बॉलीवुड ने फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ फिल्म बनाई थी। उनके तरह ही उनकी फिल्म भी सफल रही और कीर्तिमान रची।

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