दिल्ली-एनसीआर में रविवार रात से घना कोहरा छाया हुआ है। हालात को देखते हुए मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार के लिए दिल्ली में बहुत घने कोहरे का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। विभाग के मुताबिक, अधिकतम तापमान करीब 22 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है। सोमवार सुबह राजधानी घने कोहरे की चादर में लिपटी नजर आई। अधिकांश इलाकों में विजिबिलिटी बेहद कम हो गई, जिससे हाथ भर दूर देखना भी मुश्किल हो रहा है। कोहरे के कारण सड़क यातायात के साथ-साथ रेल और हवाई सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। दिल्ली से आने-जाने वाली कई ट्रेनें और उड़ानें देरी का शिकार हुई हैं। रेलवे स्टेशनों और एयरपोर्ट पर यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने वाहन चालकों को सावधानी बरतने और धीमी गति से चलने की सलाह दी है।

विजिबिलिटी घटने से ट्रेनों से उड़ानों तक सब प्रभावित

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार के लिए बहुत घने कोहरे का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे रात और सुबह 4 बजे से 9 बजे तक यात्रा से बचें, खासकर हाईवे पर निकलने से परहेज करें। सोमवार सुबह राजधानी के अधिकांश इलाकों में विजिबिलिटी बेहद कम दर्ज की गई। घने कोहरे के कारण सड़क, रेल और हवाई यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। दिल्ली से आने-जाने वाली कई ट्रेनें और उड़ानें देरी का शिकार हुई हैं, जिससे स्टेशनों और एयरपोर्ट पर यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनों तक कोहरा बना रह सकता है, जिससे ठंड का असर ज्यादा महसूस होगा। हालांकि, दोपहर में हल्की धूप निकलने से कुछ राहत मिलने की संभावना है। वहीं, 1 जनवरी को हल्की बारिश के भी आसार जताए गए हैं, जिससे मौसम में आंशिक बदलाव हो सकता है।

दिल्ली में 18 स्थानों पर AQI 400 पार

राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण लगातार गंभीर होता जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, रविवार को दिल्ली के 18 इलाकों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है। आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली की हवा में प्रदूषक तत्व तय मानकों से सवा तीन गुना से अधिक पाए गए हैं। खराब वायु गुणवत्ता के चलते लोगों को सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के अनुसार, अगले तीन दिनों तक प्रदूषित हवा से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है। मौसम की मौजूदा परिस्थितियों के कारण प्रदूषण का स्तर ऊंचा बना रह सकता है।

दिल्ली में इस बार मॉनसून सीजन के दौरान सामान्य से अच्छी बारिश दर्ज की गई थी, जिसके चलते वायु गुणवत्ता का स्तर पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर बना रहा। हालांकि, मॉनसून की वापसी के बाद अक्टूबर महीने से राजधानी में प्रदूषण फिर बढ़ने लगा। 14 अक्टूबर को दिल्ली की हवा ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गई, और इसके बाद से अब तक एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 200 से नीचे आया हो। इस अवधि के दौरान दिल्ली की हवा लगातार खराब, बहुत खराब, गंभीर और अति गंभीर श्रेणी में बनी रही है। तीन दिन पहले हवा की रफ्तार बढ़ने से प्रदूषण स्तर में हल्का सुधार जरूर देखने को मिला था, लेकिन अब हवा की गति कम होने के कारण प्रदूषण फिर तेजी से बढ़ रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, रविवार को दिल्ली का औसत AQI 390 दर्ज किया गया, जिसे बहुत खराब श्रेणी में रखा जाता है। वहीं, शनिवार को यह सूचकांक 385 रिकॉर्ड किया गया था, यानी 24 घंटे में प्रदूषण के स्तर में और इजाफा हुआ है।

मानकों से सवा तीन गुना ज्यादा प्रदूषण

दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर तय मानकों से सवा तीन गुना से भी अधिक दर्ज किया जा रहा है। स्वास्थ्य मानकों के अनुसार, हवा में पीएम-10 का स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम-2.5 का स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से कम होने पर ही उसे स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, दिल्ली-एनसीआर में रविवार दोपहर करीब तीन बजे प्रदूषक कणों का स्तर इन सीमाओं से काफी अधिक दर्ज किया गया। आंकड़ों के मुताबिक, पीएम-10 का औसत स्तर 335.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा, जबकि पीएम-2.5 का औसत स्तर 215.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकॉर्ड किया गया।

अभी नहीं मिलेगी राहत

दिल्लीवासियों को प्रदूषित हवा से फिलहाल राहत मिलने के आसार नहीं हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस समय प्रदूषण उत्सर्जन के सभी प्रमुख स्रोत पहले की तरह सक्रिय बने हुए हैं। सर्दी बढ़ने के साथ ही बायोमास और कचरा जलाने की घटनाएं भी सामने आ रही हैं, जिससे प्रदूषण का स्तर और बढ़ गया है। इसके अलावा, दिल्ली में ज्यादातर समय हवा की गति 10 किलोमीटर प्रति घंटे से नीचे बनी हुई है। कमजोर हवाओं के कारण प्रदूषक कण वातावरण में ही फंसे रह जाते हैं और उनका फैलाव नहीं हो पाता, जिससे वायु गुणवत्ता में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।

विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों तक वायु गुणवत्ता में किसी बड़े सुधार की उम्मीद नहीं है। लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें। खास तौर पर बच्चों, बुजुर्गों और सांस संबंधी रोगों से पीड़ित लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।

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