रायपुर. रायपुर में इस बार दीपावली में वायु प्रदूषण पिछले साल की तुलना में लगभग 10.2 प्रतिशत कम रहा. प्रदेश की न्यायधानी बिलासपुर में पिछली दीपावली के मुकाबले इस बार वायु प्रदूषण के स्तर में करीब 22.3 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई. रायपुर शहर में औसत परिवेशीय वायु गुणवत्ता (पीएम-10) अर्थात हवा में धूल के कणों की संख्या इस वर्ष 73.66 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रही, जो वर्ष 2017 में 82.04 माइक्रोग्राम दर्ज की गई थी. इसी तरह सल्फरडाई आक्साइड गैस का स्तर भी 8.14 प्रतिशत कम होकर 19.68 और नाइट्रोजन आक्साइड गैस का स्तर लगभग 4.43 प्रतिशत कम होकर 29.54 पाया गया, जबकि वर्ष 2017 में सल्फरडाई आक्साइड का स्तर 21.38 और नाइट्रोजन आक्साइड गैस का स्तर 30.91 पाया गया था.
बिलासपुर शहर में पर्यावरण संरक्षण मंडल के विशेषज्ञों द्वारा दीपावली में की गई मॉनिटरिंग के अनुसार उस दिन वहां औसत परिवेशीय वायु में धूल कणों की संख्या 22.3 प्रतिशत कम होकर 71.7 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर पाई गई, जो वर्ष 2017 में 92.3 प्रति घनमीटर थी. रायपुर शहर में दीपावली के दिन ध्वनि प्रदूषण में भी लगभग 6 प्रतिशत कमी पाई गई. इस बार रायपुर में ध्वनि की तीव्रता 86.0 डेसीबल रही, जो वर्ष 2017 में 91.33 डेसीबल थी. न्यायधानी बिलासपुर में इस बार दिवाली में ध्वनि की औसत तीव्रता पिछले साल की तुलना में 8.86 प्रतिशत कम होकर 75.0 डेसीबल दर्ज की गई.
छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों द्वारा आज यहां जारी रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण कम होने के कारण रायपुर और बिलासपुर शहर के निवासियों को इस बार दीपावली की रात काफी सुकून मिला. मंडल के अधिकारियों ने बताया कि मण्डल द्वारा दीपावली के मौके पर आम जनता से पटाखों का उपयोग करते समय पर्यावरण नियमों के के साथ-साथ सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का भी पालन करने की अपील की गई थी. छत्तीसगढ़ शासन एवं पर्यावरण मण्डल की इस अपील का काफी सकारात्मक असर देखा गया. राज्य शासन द्वारा विभागीय अधिकारियों और पर्यावरण संरक्षण मंडल को दिवाली के दिन हवा और ध्वनि प्रदूषण में कमी लाने के लिए सभी जरूरी उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए थे.
पर्यावरण विभाग के ओएसडी संजय शुक्ला ने राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों में दीपावली के दौरान वायु और ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए राजधानी रायपुर में विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर उन्हें सतर्क कर दिया था. उनके निर्देश पर सभी प्रमुख शहरों में जन जागरण अभियान भी चलाया गया। प्रचार-प्रसार के जरिये आम जनता को उच्चतम न्यायालय द्वारा पटाखों पर जारी दिशा निर्देशों एवं पर्यावरण संरक्षण नियमों की जानकारी दी गई। इस अभियान में जिला प्रशासन व पुलिस विभाग का भी सहयोग मिला। इन सब प्रयासों के फलस्वरूप दीपावली के दौरान वायु प्रदूषण के स्तर में काफी गिरावट दर्ज की गई. छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के विशेषज्ञों द्वारा दीपावली के 7 दिन पूर्व से 7 दिन बाद तक वायु प्रदूषण का मापन किया जा रहा है.
पर्यावरण संरक्षण मंडल के अध्यक्ष एवं प्रमुख सचिव, आवास एवं पर्यावरण विभाग ने रायपुर और बिलासपुर शहरों में दीपावली के दौरान वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण को कम करने में मिली सफलता का श्रेय आम जनता को दिया है. उन्होंने कहा है कि जन जागरण और जन भागीदारी से ही यह संभव हो पाया है. उन्होंने लोगों से भविष्य में भी रायपुर सहित प्रदेश के सभी शहरों में पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए इसी तरह सहयोग बनाए रखने की अपील की है.