रायपुर। छत्तीसगढ़ में 27 जनवरी से सीमेंट के दाम बढ़ाने की पूरी तैयारी हो चुकी है. कंपनियों ने अपनी मनमानी सरकार से मनवा ली है ये ख़बर है. अधिकारिक सूत्र बताते हैं कि 20 से 50 रुपये तक दाम बढ़ाने के लिए कंपनियों ने सरकार को राजी कर लिया है. अगर सीमेंट के दाम बढ़े तो इसका बड़ा नुकसान प्रदेशवासियों को उठाना पड़ सकता है. आम लोगों से लेकर रियल स्टेट कारोबारियों तक इसका असर बड़े पैमाने पर दिखेंगे. जो लोग मकान बनाने, मकान खरीदने या अन्य तरह के भवन निर्माण के सपने देख रहे हैं वे सब अधूरे रह सकते हैं. क्योंकि कंस्ट्रक्शन कंपनियाँ भी सीमेंट के दाम बढ़ाने के साथ कास्ट बढ़ाने पर मजबूर हो जाएंगे.
lalluram.com से बातचीत में रियल स्टेट कारोबारियों ने कहा कि फिलहाल छत्तीसगढ़ में सीमेंट के दाम बढ़ाने की जरूरत ही नहीं है. क्योंकि कोई भी सीमेंट उद्योग घाटे में नहीं चल रहा है. छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से भी किसी तरह अतिरिक्त कर भी सीमेंट कंपनियों से नहीं लिया जा रहा है. लाइम स्टोम के खदानों में भी कोई अतिरिक्त शुल्क सीमेंट कंपनियों से नहीं वसूला जा रहा फिर दाम बढ़ाने की जरूरत ही क्या है ?
सीमेंट कंपनियाँ चैन बनाकर सरकार पर दवाब बनाती है
रियल स्टेट कारोबारी रिबुराज का कहना है कि छत्तीसगढ़ में फिलहाल हमारा मार्केट वैसे ही डाउन चल रहा है अगर दाम बढ़ गए तो निर्माण से बिक्री तक सब कमजोर हो जाएगा. प्रोजेक्ट ठप पड़ सकते हैं. आम लोगों के लिए मकान खरीदना सपना भर रह जाएगा. उन्होने यह भी कहा कि कंपनियों ने जब चुनाव तक दाम नहीं बढ़ाए तो अब बढ़ाने की जरूरत क्या है ? दरअसल सीमेंट कंपनियाँ एक चैन बनाकर सरकार पर दबाव बनाने का काम करती है. उन्हें छत्तीसगढ़ के लोगों से मतलब नहीं है. जब छत्तीसगढ़ में स्टील, आयरन सहित अन्य उद्योगों से दाम नहीं बढ़ाए जा रहे हैं तो फिर सीमेंट के दाम क्यों बढ़ाए जा रहे हैं ? प्रदेश में बिजली, पानी, से लेकर खदान सबकुछ जिन कंपनियों को सस्ते मिल रहा वे महंगे दाम में सीमेंट खरीदने के लिए लोगों को मजबूर क्यों कर रही है ? फिलहाल छत्तीसगढ़ में दाम बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है.
सीमेंट के दाम बढ़ने से 50 गुना तक बढ़ जाएंगे प्रोजेक्ट के दाम
वहीं रंजन नथानी का कहना है कि हर निर्माण कार्य में सीमेंट की आवश्यकता है. ऐसे में जाहिर है अगर सीमेंट के दाम बढ़ेंगे तो सभी तरह के मटेरियल कास्ट पर इसका प्रभाव पड़ेगा. सीधे तौर पर इससे आम उपभोक्ता परेशान होंगे. सभी तरह के प्रोजेक्ट मंहगे हो जाएंगे. इससे तो प्रदेश का नुकसान होगा. सीमेंट के दाम बढ़ने के साथ प्रोजेक्ट 50 गुना तक महंगा हो जाएगा. सरकार को चाहिए सीमेंट कंपनियों पर नकेल कसे. क्योंकि कंपनियाँ फिजुल में दाम बढ़ाने की तैयारी कर रही है. सरकार को कंपनियों की मनमानी नहीं माननी चाहिए.