देवजीत देवनाथ, पखांजूर। जो गांव कभी शांति और आपसी सौहार्द के लिए जाना जाता था, आज वह हिंसा और तबाही का प्रतीक बन गया है. बात हो रही है ओडिशा के मलकानगिरि जिले के एमवी 26 गांव की, जहां एक महिला की हत्या के बाद हालात इतने बिगड़ गए कि पूरे गांव के 230-250 घरों को आग के हवाले कर दिया गया.

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इस हिंसक घटना में पीढ़ियों से संजोई गई लगभग 60 वर्षों की मेहनत और पूंजी पूरी तरह जलकर राख हो गई. पीड़ित परिवारों के कच्चे–पक्के मकान, अनाज, कपड़े, जरूरी दस्तावेज और घरेलू सामान सब कुछ आग की भेंट चढ़ गया. अचानक हुई इस हिंसा ने सैकड़ों लोगों को खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर कर दिया है.

महिला की हत्या के बाद भड़की हिंसा

सूत्रों के अनुसार, एक महिला की हत्या की घटना के बाद गांव में तनाव फैल गया, जो देखते ही देखते उग्र रूप ले बैठा. हालात इतने बेकाबू हो गए कि भीड़ ने पूरे गांव को निशाना बना लिया. आगजनी की इस घटना से गांव में भय और दहशत का माहौल है.

पीड़ितों की मदद के लिए आगे आया परलकोट

इस मानवीय त्रासदी के बाद छत्तीसगढ़ के परलकोट क्षेत्र से पीड़ितों की सहायता के लिए मदद का हाथ बढ़ाया गया है. स्थानीय सामाजिक संगठनों और समाज के लोगों द्वारा राहत सामग्री—अनाज, कपड़े, दैनिक उपयोग की वस्तुएं पीड़ित परिवारों तक पहुंचाई जा रही हैं, ताकि वे इस कठिन समय में कुछ राहत पा सकें.

प्रशासन से न्याय और पुनर्वास की मांग

पीड़ित परिवारों ने प्रशासन से दोषियों पर सख्त कार्रवाई, उचित मुआवजा और स्थायी पुनर्वास की मांग की है. वहीं, इलाके में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. यह घटना न केवल मानवता को झकझोरने वाली है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करती है कि कानून-व्यवस्था की चूक से कैसे सैकड़ों परिवारों का जीवन उजड़ गया. अब सबकी नजर प्रशासन की कार्रवाई और पीड़ितों को मिलने वाली सहायता पर टिकी हुई है.