मानसा. पंजाब विजीलेंस ब्यूरो की टीम ने राज्य की खरीद एजेंसी पनग्रेन को 25.34 लाख रुपए का वित्तीय नुकसान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तारी की है. टीम ने मानसा में तैनात खाद्य और सार्वजनिक वितरण अधिकारी बलदेव राज वर्मा, जो अब जिला खाद्य और सिविल सप्लाई कंट्रोलर के तौर पर सेवा निभा रहे हैं, को गिरफ्तार किया है.

विजीलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उक्त अधिकारी के विरुद्ध दर्ज दो शिकायतों की जांच-पड़ताल करने के उपरांत यह मामला दर्ज किया गया है.

विजीलेंस ब्यूरो प्रवक्ता के मुताबिक खरीफ सीजन 2017-18 के दौरान राज्य सरकार ने कस्टम मिलिंग नीति लागू की थी, जिसके अनुसार खरीद केन्द्रों या अनाज मंडियों के अधिकार क्षेत्र में स्थित प्रमाणित राइस मिलों को इन अनाज मंडियों के साथ जोड़ा जाना था और धान के भंडारण या राइस शैलिंग के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए. यदि किसी भी राइस मिल्लर द्वारा किसी के पास खरीद केंद्र या अनाज मंडी के साथ लिंक करने का दावा किया जाता है, तो इस संबंधी फील्ड स्टाफ से रिपोर्ट लेनी थी और लिंक्ड राइस मिल को अतिरिक्त ट्रांसपोर्टेशन खर्च देने थे.

पंजाब विजीलेंस

विजिलेंस प्रवक्ता ने कहा कि जांच के दौरान मानसा में पनग्रेन को अलॉट किए गए राइस शैलरों में धान के भंडारण संबंधी प्राप्त विवरणों से पता लगा है कि गुरु राइस मिल को 4500 मीट्रिक टन धान की फसल अलॉट किया गया था, लेकिन इसमें केवल 3824 मीट्रिक टन धान की फसल ही स्टोर की गई थी. शुरूआती खरीद के दौरान स्थानीय राइस मिलों की धान की अपेक्षित स्टोरेज सामर्थ्य पूरी नहीं हो सकी क्योंकि धान की फसल लायक खरीद केंद्र से दूर स्थित राइस मिलों में पहुंचाया गया था. इस तरह सरकार को ट्रांसपोर्टेशन खर्चों के कारण वित्तीय नुकसान बर्दाश्त करना पड़ा था.

विजीलेंस ब्यूरो के मुताबिक उक्त बलदेव राज वर्मा, कार्यकारी जिला खाद्य और सप्लाई कंट्रोलर मानसा ने अपने पसन्दीदा राइस शैलर मालिकों को दूर-दराज की मंडियों से भी धान की फसल स्टोर करने की सुविधा दी थी, जबकि अनाज मंडियों के नजदीक स्थित शैलरों को उनकी सामर्थ्य के अनुसार धान की फसल अलॉट नहीं किया.

उन्होंने आगे बताया कि प्रमुख सचिव खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामले, पंजाब ने उक्त मुलजिम बलदेव राज वर्मा के विरुद्ध 5 शैलर मालिकों की तरफ से धान की ढुलाई करके पनग्रेन एजेंसी को 25.34 लाख रुपए का नुकसान पहुंचाने के लिए चार्जशीट भी किया है. इस चार्जशीट से पता लगता है कि बलदेव राज वर्मा ने शैलर मालिकों के साथ गलत स्थानीय अनाज मंडियां लिंक करके पंजाब सरकार को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाया था.