रायपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण से संपूर्ण विश्व के साथ भारत भी प्रभावित है. और इससे हमारा राज्य भी अछूता नहीं है. लेकिन इन परिस्थितियों के बावजूद छत्तीसगढ़ ने इस महामारी से निपटने के लिए हर क्षेत्र में जो कुशल प्रबंधन किया है, वह काबिले तारीफ है. यही कारण है कि छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों की तुलना में कोरोना का प्रकोप काफी कम व नियंत्रित है. कोरोना वायरस से उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों को राज्य सरकार ने काफी पहले भांपकर लॉकडाउन होने से पहले ही इसके लिए गंभीर प्रयास प्रारंभ कर दिए थे. इन विषम परिस्थितियों में खाद्य विभाग द्वारा किए गए.

प्रमुख प्रयास निम्नानुसार हैं-

कोरोना वायरस के संक्रमण से उत्पन्न विषम परिस्थितियों में राज्य के हितग्राहियों को खाद्यान्न सामग्री की उपलब्धता में कोई कठिनाई न हो, इस उद्देश्य से राज्य सरकार ने अंत्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित, अन्नपूर्णा व निःशक्तजन श्रेणी के राशनकार्डधारियों को 3 माह (अप्रैल, मई व जून) का चावल निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है. शासन के उक्त निर्णय का त्वरित क्रियान्वयन सुनिश्चित करते हुए खाद्य विभाग ने लॉकडाउन के पहले ही दिनांक 22 मार्च  से 2 माह (अप्रैल व मई) का खाद्यान्न एकमुश्त आबंटित करते हुए इसका भण्डारण प्रारंभ कर दिया था. 30 मार्च तक 90 प्रतिशत उचित मूल्य दुकानों एवं 5 अप्रैल तक राज्य के शत-प्रतिशत 12,306 उचित मूल्य दुकानों में 2 माह का खाद्यान्न भण्डारण पूर्ण करा लिया गया था. लॉकडाउन की विषम परिस्थितियों में जहां एक ओर हमालों एवं परिवहन की व्यवस्था एक बड़ी चुनौती थी.

राज्य शासन द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली में खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिदिन लगभग 1200 वाहनों के माध्यम से भण्डारण की व्यवस्था पूर्ण की गयी. राज्य में 30 मार्च से राशनकार्डधारियों को अप्रैल व मई माह के खाद्यान्न वितरण का कार्य प्रांरभ किया गया है. राज्य में अब तक 65.63 लाख राशनकार्डधारियों में से 57.87 लाख अर्थात लगभग 90 प्रतिशत राशनकार्डधारियों को दो माह का खाद्यान्न वितरित किया जा चुका है. राज्य में विभिन्न श्रेणी के राशनकार्डधारियों द्वारा अब तक लगभग 3,64,793 टन चावल, 9,654 टन शक्कर, 10,351 टन नमक, 2,548 टन चना एवं 979 टन गुड का उठाव किया जा चुका है.

इसमें 3 माह के लिए प्रदान किये जा रहे अतिरिक्त चावल पर लगभग 950 करोड़ रूपये की अनुमानित सब्सिडी राशि सम्मिलित है. राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सार्वभौम पीडीएस (Universal PDS) के माध्यम से वर्तमान में 95 प्रतिशत जनसंख्या को खाद्यान्न सुरक्षा उपलब्ध कराया जा रहा है. राज्य के सभी राशनकार्डधारियों को छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम के तहत भारत शासन के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की पात्रता से अधिक खाद्यान्न पहले से ही उपलब्ध कराया जा रहा है.

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वर्तमान में 65.63 लाख राशनकार्ड प्रचलित हैं. इन में से 56.67 लाख राशनकार्ड अंत्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित, अन्नपूर्णा एवं निःशक्तजन श्रेणी के तथा 8.96 लाख राशनकार्ड सामान्य श्रेणी के हैं. भारत सरकार द्वारा घोषित के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत जारी अंत्योदय व प्राथमिकता श्रेणी के राशनकार्डों पर अप्रैल, मई व जून, 2020, तीन माह के लिए प्रति सदस्य प्रतिमाह 5 किलो अतिरिक्त चावल प्रदाय किया गया है. राज्य शासन द्वारा भी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम एवं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की अतिरिक्त पात्रता के बराबर ही राज्य योजना के सभी राशन कार्डों में अतिरिक्त खाद्यान्न प्रदाय किया जाएगा. राज्य सरकार द्वारा लगभग 8.96 लाख सामान्य (एपीएल) राशनकार्डधारियों को भी निर्धारित पात्रतानुसार 10 रूपए प्रति किलो की रियायती दर पर चावल वितरित किया जा रहा है.

चने का निःशुल्क वितरण

राज्य शासन द्वारा अब तक राज्य के 85 अनुसूचित विकासखण्डों व 9 माडा क्षेत्रों के अंत्योदय व प्राथमिकता श्रेणी के लगभग 25 लाख राशनकार्डधारियों को ही 5 रूपए प्रति किलो की उपभोक्ता दर पर 2 किलोग्राम चने का प्रतिमाह वितरण किया जा रहा था. वर्तमान परिस्थितियों में शासन ने अब राज्य के सभी क्षेत्रों के अंत्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित, अन्नपूर्णा एवं निःशक्तजन श्रेणी के सभी राशनकार्डधारियों को 1 किलोग्राम चना निःशुल्क वितरित करने का निर्णय लिया है. इससे लगभग 31 लाख अतिरिक्त राशनकार्डधारियों को चने के निःशुल्क वितरण का लाभ प्राप्त होगा. अनुसूचित व माडा क्षेत्र के सभी राशनकार्डधारियों को माह अप्रैल के चने का वितरण प्रारंभ किया जा चुका है. राज्य के शेष राशनकार्डधारियों हेतु चने का माह अप्रैल का आबंटन जारी कर भण्डारण की कार्यवाही प्रारंभ की जा चुकी है एवं इसी माह इन शेष हितग्राहियों को चने का वितरण प्रारंभ हो जाएगा.

 राज्य में कोई व्यक्ति भूखा न रहे

राज्य की प्रत्येक ग्राम पंचायत को 2 क्विंटल चावल रखने हेतु कुल 22,210 क्विंटल चावल का आबंटन जारी किया गया है. नगरीय क्षेत्रों में निवासरत प्रवासी श्रमिकों व बेघरबार व्यक्तियों के भोजन हेतु सभी जिलों में चावल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चावल का अतिरिक्त आबंटन जारी किया गया है. राज्य में कोई व्यक्ति भूखा न रहे, इस उद्देश्य से राशनकार्डविहीन व्यक्तियों या परिवारों को भी लॉकडाउन के दौरान राशन सामग्री का वितरण करने के संबंध में जिला कलेक्टर्स को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं. लॉकडाउन की अवधि में भी छूटे हुए पात्र परिवारों के नए राशनकार्ड बनाए जा रहे हैं. 23 मार्च से अब तक लगभग 29,683 नए राशनकार्ड बनाए जा चुके हैं और इसी तरह पूर्व से बने राशनकार्डों में लगभग 44,394 छूटे नवीन सदस्यों के नाम जोड़े जा चुके हैं. यह कार्यवाही सतत रूप से प्रचलित है. इसके अतिरिक्त राज्य के सभी जिलों में जिला प्रशासन के माध्यम से जरूरतमंदों को गरम पका भोजन व सूखी राशन सामग्री भी उपलब्ध कराई जा रही है.