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रायपुर। खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने किसान अधिनियम को काला कानून बताते हुए कहा कि मंडी के बाहर जब व्यापारी किसानों से औने-पौने दामों में फसल खरीदेंगे तो मंडी व्यवस्था ध्वस्त होगी. उन्होंने कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग के दुष्प्रभाव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि केंद्र सरकार बछड़े को सांड से लड़ाने का काम कर रही है.
अंबिकापुर स्थित निवास कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए मंत्री अमरजीत भगत ने कान्ट्रैक्ट फार्मिंग की विसंगतियों पर बात करते हुए कहा कि कान्ट्रैक्ट फार्मिंग अधिया-बधिया का ही दूसरा रूप है. उन्होंने कहा कि कानून में यह नहीं लिखा है कि किसानों की ज़मीन लेकर उनका भौतिक स्वरूप को परिवर्तित किये बिना ही उपयोग किया जाएगा, क्योंकि यदि ज़मीन का भौतिक स्वरूप ही बदल दिया गया तो किसानों के लिये अपनी ज़मीन की पहचान मुश्किल हो जाएगी. इससे विवाद की स्थिति से इन्कार नहीं किया जा सकता, जिसका नुकसान सीधे-सीधे किसानों को ही है.
आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 का जिक्र करते हुए खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी और कालाबाज़ारी रोकने के लिये यह अधिनियम लेकर आई थी. इस अधिनियम का उद्देश्य था कि आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी न हो और बाज़ार में इसकी किल्लत न हो. आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन कर प्रधानमंत्री मोदी बड़े उद्योगपतियों को छूट दे रहे हैं कि वो जितना चाहे उपज का भंडारण करें। जब बाज़ार में तेज़ी आएगी तब वे इन्हें बेचें. ये किसानों से सस्ते में उपज खरीदेंगे और बाज़ार में महँगे दामों में बेचेंगे.
उन्होंने आगे कहा कि इससे किसानों को भी नुकसान होगा और आगे बाज़ार में उपभोक्ताओं को भी नुकसान होगा। खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने दृढ़ शब्दों में कहा कि हम नए कृषि अधिनियम का विरोध करते हैं, यह किसानों के लिये काला कानून है. मंत्री अमरजीत भगत ने ईस्ट इंडिया कंपनी का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह इस कंपनी ने देश पर कब्ज़ा कर लिया था उसी तरह बड़े उद्योगपति लघु व सीमांत किसानों के अधिकार छीन लेंगे.
पत्रकार वार्ता में अमरजीत भगत ने कृषि कानूनों के अलावा डॉ. रमन सिंह के शासनकाल में नक्सली गतिविधियों पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भाजपा के शासनकाल में 14 ब्लॉक नक्सल प्रभावित थे जो घटकर तीन रह गए हैं. इस दौरान खाद्य योजना आयोग के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह बाबरा, कांग्रेस नेता राजीव अग्रवाल, पार्षद दीपक मिश्रा, लालचन्द्र यादव, कांग्रेस नेता प्रवीण गुप्ता, शिवप्रसाद अग्रहरि, परवेज आलम, सुरेंद्र चौधरी, बदरुद्दीन इराकी एवं मीडिया प्रतिनिधि निलय त्रिपाठी उपस्थित रहे.