पुरुषोत्तम पात्रा, गरियाबन्द। विधायक जी मेरी शादी करा दीजिए, खाद्य अधिकारी ने कहा है कि राशन चाहिए तो पहले शादी करके आओ, तुम्हारा आधार कार्ड भी नहीं बनेगा. रोते-रोते यह गुहार गरियाबंद के देवभोग ब्लॉक स्थित दहिगांव निवासी गरीब दिव्यांग सुनील रजक की है. 21 वर्षीय सुनील रजक ने दशहरा पूजन कार्यक्रम में दहिगांव पहुंचे बिन्द्रानवागढ़ विधायक और संसदीय सचिव से अपनी आप बीती बताई.

सुनील ने बताया कि उसे एक ट्राय सायकल मिला है, 300 रूपए पेंशन भी मिलता है। माँ बॉप गरीब है, जो राशन मिलता है वो पर्याप्त नहीं है। दोनों हाँथ का पंजा नही खुल रहा है पॉव भी काम करना बंद कर दिया है. अंगूठे नही खुलने के कारण उसका आधार कार्ड नहीं बना है।

उसने बताया कि डूमर बहाल के शिविर में उसने अपने समस्या को कलेक्टर से भी अवगत कराया। फ़ूड विभाग के अफसरों ने कह दिया की राशन चाहिए तो उसे विवाह करना पड़ेगा। नम आँखों से अपनी समस्या को बताते हुये सुनील ने विधायक से कहा की मेरी शादी करा दीजिये। तीन और दिव्यांगों ने भी अपनी आप बीती बताई।

इसी कार्यक्रम में दिव्यांग महादेव को माता पिता खाट में लेकर विधायक के पास पहुचे। परिजनो ने बताया कि 23 साल का महादेव 7 वीं तक पढ़ पाया,पहले बुखार आया फिर एक करके पूरा अंग काम करना बंद कर दिया,ऐसा ही सेवक कुमार के साथ भी हुआ है। दोनों के आधार कार्ड नहीं बन पाया है, 11 साल की दिव्या प्रधान को आँख से दिखाई नही देता, इसलिय इसका भी आधार नही बना है।

ऐसे में इन दिब्यागों को सरकारी योजना का लाभ नही मिला है,विधायक ने व्यथा सुनने के बाद जिले के फ़ूड अधिकारी को फोन कर उनकी जमकर क्लास ली। विधयाक के पहल पर अब फ़ूड अधिकारी ने जिले में शिविर का आयोजन कर दिव्यांग की सुध लेने की बात कह रहा है। गोवर्धन मांझी ने सभी दिव्यांग को स्वेच्छानुदान से 15-15 हजार रुपए राशि देने के अलावा अंबेडकर में निशुल्क इलाज के लिये पत्र लिखा है.

वहीं इस मामले में कलेक्टर से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे भी संपर्क नहीं हो पाया है.

देखिए वीडियो

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