राकेश चतुर्वेदी, भोपाल/ श्योपुर। मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. प्रदेश में ग्वालियर चंबल संभाग के लगभग सभी जिले जलमग्न हो गए हैं. वहीं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी हैं. इसके अलावा बाढ़ के कारण भुखमरी के हालात हो गए हैं. ऐसे में सरकार खाने के पैकेट हेलीकॉप्टर से भेज रही है.

श्योपुर जिले में 15 लोकेशन में से 13 लोकेशन चिन्हित की गई है. जहां 2000 खाने के पैकेट हेलीकॉप्टर के माध्यम से भेजे जा रहे हैं. सुबह 11 बजे तक 2500 खाने के पैकेट दोबारा हेलीकॉप्टर के माध्यम से इन्हीं लोकेशन पर भेजे जाएंगे. प्रत्येक 2 घंटे के अंतराल पर खाद्य सामग्री बाढ़ प्रभावित लोकेशंस पर भेजी जाएगी.

श्योपुर में प्रारंभिक जानकारी के अनुसार 15 हज़ार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, कच्चे मकान गिर गए हैं. सुबह 11 बजे सूखे राशन की 5000 किट जिला श्योपुर के लिए रवाना होगी हुई. जिसमें 5 किलो आटा, 1 किलो दाल, 2 किलो चावल ,1 किलो नमक और आधा लीटर तेल, हल्दी एवं लाल मिर्च शामिल है. बिस्किट, केले और मिल्क पाउडर के पैकेट के साथ एक और ट्रक जिला श्योपुर के लिए और रवाना किया गया है.

वहीं प्रदेश में बाढ़ के हालात देखकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बाढ़ से प्रदेश के कई क्षेत्रों में भयानक तबाही हुई है. पिछले 70 सालों में ऐसी स्थिति नहीं देखी. श्योपुर शहर में 20-20 फिट पानी है. रतनगढ़ वाली माता पुल तथा सनकुआ पुल के ऊपर पानी जा रहा है. बड़ी संख्या में घर गिरे हैं.

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राहत शिविरों के अलावा बाढ़ प्रभावित बस्तियों में भी भोजन स्वच्छ जल आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. टूटे मकानों की मरम्मत, बिजली की आपूर्ति बहाल करना, टूटे फूलों को दुरुस्त कराना, संचार व्यवस्था को बहाल करना आदि कार्य युद्ध स्तर पर किए जाए.

मुख्यमंत्री चौहान ने ये निर्देश दिए

•  बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सभी की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

•  प्रभावित व्यक्तियों को भोजन व शुद्ध जल उपलब्ध कराएं।

•  यह सुनिश्चित करें कि प्रभावित क्षेत्रों में संक्रामक बीमारियों का प्रकोप ना हो।

•  जिन व्यक्तियों के घर नष्ट हो गए हैं उन्हें आश्रय स्थल उपलब्ध कराएं, साथ ही घरों की मरम्मत में मदद की जाए।

•  विद्युत आपूर्ति पुनः स्थापित की जाए।

•  टूटे गए पुलों की मरम्मत की जाए तथा वैकल्पिक रास्ते तैयार किए जाएं।

•  संचार सुविधा पुनर्स्थापित की जाएं।

•  आवास,फसल और पशुओं की हानि का तुरंत सर्वे किया जाए।

•  बाढ़ राहत राशि प्राप्त करने के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित करें।

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