स्पोर्ट्स डेस्क. यूनाइटेड फुटबॉल एंड वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित 9वें मजीद अहमद मज्जू सेठ ऑल इंडिया गोल्ड कप फुटबॉल टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाते ही नागपुर की यंग मुस्लिम एफसी (वाईएमएफसी) ने बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली है. वाईएमएफसी टूर्नामेंट के अब तक के इतिहास में नागपुर या कामठी से फाइनल में जगह बनाने वाली पहली टीम बन गई है. खिताबी मुकाबले में रविवार दोपहर ढाई बजे उसका सामना एमईजी बेंगलुरु से होगा. मिलिट्री ग्राउंड, कामठी पर शनिवार को खेले गए टूर्नामेंट के दूसरे सेमीफाइनल में वाईएमएफसी ने सीआईएसएफ, दिल्ली की चुनौती को खारिज करते हुए 2-0 से जीत हासिल की.
रेहान, शुभम ने दागे गोल
मैच की शुरुआत से ही यंग मुस्लिम के खिलाड़ियों ने संतुलित खेल दिखाया. उसने सीआईएसएफ की गलतियों का इंतजार किया. पहले आधे घंटे में दोनों टीमों ने एक-दूसरे की रक्षापंक्ति और गोलकीपर को काफी व्यस्त रखा लेकिन 39वें मिनट में वाईएमएफसी के एक खिलाड़ी ने कॉर्नर से गेंद को पास किया जो बड़ी और छोटी डी के बीच खड़े मोहम्मद रेहान के पास पहुंची. रेहान ने हेडर से शानदार गोल कर अपनी टीम को हाफ टाइम से पहले 1-0 की बढ़त दिला दी. दूसरे हाफ की शुरुआत में ही वाईएमएफसी के खिलाड़ियों ने फिर से गोल का मूव बनाया. लेफ्ट साइट से आसिफुल्लाह ने छोटी डी में गेंद को पास किया जिसे शुभम डायमा ने सीआईएसएफ के गोलकीपर को छकाते हुए गोलपोस्ट में डालकर स्कोर को 2-0 कर दिया. मैच में 2 गोल से पिछड़ने के बाद सीआईएसएफ ने वापसी की पूरी कोशिश की लेकिन उसके खिलाड़ी हाथ आए मौकों को भुनाने में नाकाम रहे जिससे फुल टाइम तक स्कोर 2-0 ही बना रहा.
3 खिलाड़ियों को येलो कार्ड
मैच के दौरान विपक्षी खिलाड़ियों के खेल में अवरोध पैदा करने और आपस में टकराने के कारण रेफरी ने दोनों टीमों के कुल 3 खिलाड़ियों को हवा में येलो कार्ड लहराकर चेतावनी दी. विजेता टीम वाईएमएफसी के सावियो को 71वें और अब्दुल्ला को 90वें मिनट में पीला कार्ड मिला. वहीं सीआईएसएफ के साबु को 75वें मिनट में येलो कार्ड दिखाया गया.