ज्योतिष मान्यता के अनुसार होली के आठ दिन पहले हर एक दिन, एक ग्रह प्रभाव में होता है. अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहु उग्र स्वभाव में रहते हैं. इस साल होलाष्टक का प्रारंभ 27 फरवरी से हो चुका है. इसका समापन होलिका दहन के दिन 07 मार्च को होगा.

होलाष्टक के समय में आपको उन ग्रहों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, जो कमजोर हैं या फिर दोष वाले हैं. आपका कमजोर ग्रह होलाष्टक में जिस तिथि को उग्र है, या जिस ग्रह से जुड़ा दोष है और वह उग्र है तो आपको उसके दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं. ऐसे में आपको ग्रह शांति करनी चाहिए. Read More – YouTube पर वीडियो देखकर महिला बना रही थी ये डिश… फिर हुआ कुछ ऐसा कि पूरे घर में लग गई आग …

होलाष्टक 2023 उग्र ग्रह कौन-कौन से हैं?

फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि: होलाष्टक के पहली तिथि में चंद्रमा उग्र होता है.
फाल्गुन शुक्ल नवमी तिथि: इस तिथि में सूर्य ग्रह उग्र होते हैं.
फाल्गुन शुक्ल दशमी तिथि: इस दिन शनि देव उग्र होते हैं.
फाल्गुन शुक्ल एकादशी तिथि: एकादशी को दैत्य गुरु शुक्र ग्रह उग्र रहते हैं.
फाल्गुन शुक्ल द्वादशी तिथि: देव गुरु बृहस्पति इस तिथि में उग्र माने जाते हैं.
फाल्गुन शुक्ल त्रयोदशी तिथि: होलाष्टक की पांचवी तिथि को बुध उग्र होते हैं.
फाल्गुन शुक्ल चतुर्दशी तिथि: इस तिथि पर ग्रह मंगल उग्र माने जाते हैं.
फाल्गुन पूर्णिमा तिथि: इस दिन राहु ग्रह उग्र रहता है.

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होलाष्टक में उग्र ग्रह के शांति के उपाय

  1. होलाष्टक में ग्रह शांति के लिए आप नवग्रह की पूजा करा सकते हैं.
  2. यदि आप संस्कृत पढ़ सकते हैं तो आपको होलाष्टक के समय में नवग्रह पीड़ाहर स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. इससे भी आप ग्रहों के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं.
  3. ग्रहों की शांति के लिए उनसे जुड़ी वस्तुओं का दान करें.