संतोष गुप्ता, जशपुर- प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने 31 अगस्त 2013 को विकास यात्रा के दौरान पत्थलगांव में जिले के विकासखंड मुख्यालय कांसाबेल में महाविद्यालय खोलने की घोषणा की थी. एक साल बाद जुलाई 2014 में महाविद्यालय तो खोल दिया गया, लेकिन महाविद्यालय को स्वयं का भवन पौने छह साल बाद भी नसीब नहीं हुआ है.

इसके लिए अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई. वर्तमान में वैकल्पिक व्यवस्था कर शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल की भवन में कक्षाएं लग रही हैं. नवीन महाविद्यालय कांसाबेल में वर्तमान शिक्षा सत्र में आर्ट्स, कामर्स एवं साइंस विषय में कुल 240 छा़त्र-छात्राएं अध्ययनरत है. स्वयं का भवन नहीं होने के कारण प्रोफेसरों एवं विद्यार्थियों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. छात्रों ने बताया कि जशपुर जिले में स्कूलों की तरह कॉलेजों की स्थापना कर दी गई है. यह केवल नाम मात्र के हैं. इन कॉलेजों में जो सुविधाएं होनी चाहिए वे कहीं दिखाई नहीं देती.

बता दें कि तपकरा महाविद्यालय की स्थापना जुलाई 2009 में की गई थी. इसमें मात्र 5 सहायक प्राध्यापकों के भरोसे पढ़ाई चल रही है. पत्थलगांव में शासकीय महाविद्यालय की स्थापना वर्ष 1984 में की गई थी. 35 वर्ष बाद भी यहां कई प्रकार की समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है. प्राध्यापकों की कमी से पढ़ाई प्रभावित हो रही है. 35 वर्ष बाद भी इस कालेज में समाजशास्त्र एवं कॉमर्स विषय में ही पीजी की पढ़ाई हो पा रही है. भौतिकी, रसायन, वनस्पति शास्त्र एवं प्राणी शास्त्र जैसे विषयों की पढ़ाई करने के लिए यहां के विद्यार्थियों को बाहर का रूख करना पड़ता है. नवीन कांसाबेल कॉलेज में रसायन विषय का केवल एक नियमित सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति की गई है.

इससे सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है कि कला, विज्ञान एवं वाणिज्य विषय की पढ़ाई कैसे हो पा रही होगी. बगीचा कॉलेज की स्थापना 2007 में की गई थी. यहां केवल एक सहायक प्राध्यापक के भरोसे चल रहा है. सहायक प्राध्यापक को भी प्रभारी प्राचार्य बनाया गया है जो राजनीति विज्ञान से हैं.

कॉलेज में मूलभूत सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर पूर्व वन औषधि बोर्ड के अध्यक्ष रामप्रताप सिंह के गृह ग्राम आरा में वर्ष 2012 में महाविद्यालय की स्थापना की गई है. इस महाविद्यालय में भी समस्याओं का अंबार लगा हुआ है. जशपुर को जिला बने 21 साल पूरे होने वाला है. वहीं मध्यप्रदेश से अलग होकर नया राज्य छत्तीसगढ़ बने 19 वर्ष पूर्ण होने वाला है.

इन वर्षों में छत्तीसगढ़ समेत पूरे हिन्दुस्तान में तीव्र गति से विकास हुआ है. वर्तमान में राजधानी रायपुर में हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं. राज्य बनने के बाद रायपुर में विकास के अनेक काम हुए हैं लेकिन जशपुर जिले का दुर्भाग्य ही कहें की जिस गति से यहां का विकास होना था इतने वर्ष बाद भी विकास के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है.