सुप्रिया पांडे,रायपुर। राजधानी के रामकृष्ण केयर अस्पताल में डॉक्टरों की एक विशेष टीम ने 79 वर्षीय मरीज का पहली बार टीएवीआर तकनीक के माध्यम से सफल सर्जरी किया है. टीएवीआर सर्जरी की प्रकिया को अपना कर इलाज करना डॉक्टरों के लिए काफी जोखिम भरा था. क्योंकि इस तरह की सर्जरी छत्तीसगढ़ राज्य में अपनी तरह की पहली सर्जरी है.
इस प्रक्रिया में डॉक्टर आपके पैर या छाती में एक कैथेटर डालते है जिसे ह्रदय तक पहुंचाते है. 79 वर्षीय ओड़िसा निवासी डम्बूरे माझी को 12 जनवरी को खासी, सर्दी और पेट फूलने की समस्या के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां पहुंचने पर मरीज को दिल का दौरा पड़ गया. मरीज के उम्र और गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने टीएवीआर सर्जरी की सिफारिश की. टीएवीआर सर्जरी सामान्य सर्जरी से अलग होता है और ह्रदय शल्य चिकित्सा के लिए जोखिम बना होता है. इन सब के बावजूद भी डॉक्टरों की कोशिश रंग लाई और मरीज का इलाज सफल हुआ. सर्जरी के बाद मरीज की स्थिति में तेजी से सुधार देखा जा रहा है और जल्द ही हालत में सुधार को देखते हुए मरीज को अस्पताल से जल्द छुट्टी दे दी जाएगी.
रामकृष्ण केयर अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर संदीप दवे ने बताया कि कोई भी नई चीज आप करने जाते है तो वो बेशक सबसे ज्यादा चैलेंजिंग होती है और आप किसी भी प्रक्रिया से इलाज करे मरीज को बचाना महत्वपूर्ण होता है. आज आपने देखा कि मरीज एकदम ठीक है लेकिन वैसी हालत मरीज की पहले नहीं थी. जब मरीज आया था तो वेंटिलेटर पर था और अगर हम कुछ नहीं करते तो मरीज के बचने की उम्मीद बिल्कुल नहीं थी, तो कहीं न कहीं ये लगा कि रिस्क लेते है और फिर डॉक्टरों का एक परिवार तैयार हुआ और परिवार ने सहमति दी भरोसा जताया. उसी भरोसे ने मरीज की जान बचाई मरीज अब घर जा सकता है.
वहीं आरती माझी मरीज की बेटी ने बताया कि बहुत अच्छा लग रहा है मेरे पापा मेरे लिए बहुत महत्व रखते है और इस तरह से उनकी स्थिति में सुधार देख कर मुझे बहुत खुशी हुई.