चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में सबसे ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की। सत्तारूढ़ भाजपा के महापौर रविकांत शर्मा और दो पूर्व महापौरों, दवेश मौदगिल और राजेश कालिया को अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा।
कुल 35 सीटों में से पहली बार चुनावी मैदान में उतरी आप 14 सीटें जीतने में सफल रही, उसके बाद भाजपा (12), कांग्रेस (8) और शिरोमणि अकाली दल (1) का स्थान रहा। मतदान 24 दिसंबर को हुआ था और उस दौरान 60 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।
पूर्व सांसद सत्यपाल जैन के हस्तक्षेप पर अंतिम समय में टिकट आवंटित हासिल करने वाले पूर्व मेयर मौदगिल वार्ड 21 में आप के जसबीर सिंह लड्डी से 939 मतों से हार गए।
मौदगिल अपने वार्ड में विकास कार्यों की कमी के कारण सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रहे थे। सत्ता में रहते हुए उन्हें शहर में पार्टी नेतृत्व के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा था। वार्ड 17 से मौजूदा मेयर शर्मा दमनप्रीत सिंह से 828 मतों के अंतर से हार गए।
वार्ड 34 में कांग्रेस के गुरपीत सिंह नौ मतों से जीते, जबकि विपक्ष के नेता देविंदर सिंह बबला की पत्नी हरप्रीत कौर बबला ने वार्ड 10 में 3,103 मतों से जीत दर्ज की, जो अब तक का सबसे अधिक जीत का अंतर है।
वार्ड छह में भाजपा की सरबजीत कौर ने 502 मतों से जीत दर्ज की, वार्ड 30 में शिअद के हरदीप सिंह ने 2,145 मतों से जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस के पूर्व मेयर कमलेश को भी हार का सामना करना पड़ा।
चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला के बेटे सुमित चावला भी हार गए। भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद की सीट, जहां से पार्टी के विजय राणा ने चुनाव लड़ा था, वह भी हार गए। आप की चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष चंद्रमुखी शर्मा भी हार गए।
चुनाव से पहले, आप ने प्रति घर प्रति माह 20,000 लीटर मुफ्त पानी, सार्वजनिक पार्किं ग स्थल, मुफ्त घर-घर कचरा संग्रह, मुफ्त प्राथमिक शिक्षा और मोहल्ला क्लीनिक का वादा किया था।
परिणामों पर प्रतिक्रिया देते हुए, आप नेता राघव चड्ढा ने कहा कि यह “केजरीवाल के शासन के मॉडल की जीत है क्योंकि लोग वर्षों से बदलाव के लिए तरस रहे थे।” भाजपा ने पिछले नगर निकाय चुनावों में 26 में से 20 वाडरें में जीत हासिल की थी। पिछले निकाय चुनावों में चंडीगढ़ में 26 सीटें थीं।