हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर की रेसिडेंसी एरिया में मंगलवार शाम सनसनी फैल गई जब नारकोटिक्स टीम ने एक विदेशी महिला कोकीन सप्लायर को रंगे हाथों पकड़ लिया। वेस्ट अफ्रीका की रहने वाली 25 साल की लिंडा ओडियो को पुलिस ने 31.85 ग्राम कोकीन के साथ धर दबोचा। बरामद माल की कीमत 15 लाख 50 हजार रुपये बताई जा रही है। जिस इलाके में लोग रोज़ शाम ढलते ही घूमने निकलते हैं, उसी साईं मंदिर के पीछे पानी की टंकी के पास यह विदेशी युवती कोकीन की सप्लाई करने पहुंची थी। मुखबिर की सूचना के बाद नारकोटिक विभाग की टीम ने घेराबंदी कर इसे पकड़ लिया।

नालासोपारा से इंदौर तक- कोकीन डिलीवरी की तैयारी में थी लिंडा

DIG नारकोटिक्स महेश चंद्र जैन ने बताया कि जांच में सामने आया कि लिंडा ओडियो नालासोपारा, मुंबई में रहती थी और 2024–2025 में जारी हुए स्टूडेंट वीज़ा पर भारत आई थी। पढ़ाई के नाम पर वीज़ा लिया और यहां आकर कोकीन सप्लाई का धंधा शुरू कर दिया।

पुलिस के मुताबिक, यह पहली बार नहीं है कि विदेशी वीज़ा पर आने वाले युवक-युवतियां ड्रग रैकेट से जुड़ते पकड़े गए हों। लेकिन इस केस ने इंदौर में ड्रग नेटवर्क की नई परत खोल दी है— आखिर इसे ड्रग लेने कौन बुला रहा था? इसके पीछे कौन सा गिरोह काम कर रहा है। नारकोटिक विभाग अब इस कड़ी को पकड़ने की कोशिश कर रहा है कि इस विदेशी सप्लायर को कोकीन किसे देनी थी और इसका नेटवर्क कितने शहरों तक फैला हुआ है।

एप्पल मोबाइल भेजा फॉरेंसिक में-  ड्रग नेटवर्क के सुराग निकलने की उम्मीद

लिंडा के पास से एक एप्पल मोबाइल भी जब्त किया गया है  फोन को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।
जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि फोन से कई बड़े कांटेक्ट्स, चैट और पेमेंट ट्रेल सामने आ सकते हैं जो इस रैकेट की असली कहानी बताएंगे।

पूरी टीम ने दबिश देकर गिरफ्तारी की- रात 10:26 बजे हुआ केस दर्ज

कार्रवाई शाम 17:30 से 19:50 के बीच की गई और FIR 22:26 बजे दर्ज हुई। इस पूरी कार्रवाई का नेतृत्व निरीक्षक राधा जामोद ने किया। टीम में निरीक्षक हरीश सोलंकी, उपनिरीक्षक सीमा मिमरोट, आरक्षक ओमप्रकाश राठौर, प्रदीप पाल, रजनीश पांडे, रवि कदम, और महिला आरक्षक स्मिता राठौर, नेहा तिवारी शामिल थे।

आज कोर्ट में पेश-  पुलिस रिमांड की तैयारी

आज लिंडा को कोर्ट में पेश किया जाएगा जहां पुलिस रिमांड की मांग की जाएगी, ताकि उससे पूछताछ की जा सके कि—वह इंदौर में किसे ड्रग्स देने आई थी? यह माल कहां से आता था? नालासोपारा में बैठे कौन से लोग इसे ऑपरेट कर रहे थे? , नारकोटिक विभाग का कहना है कि यह गिरफ्तारी सिर्फ शुरुआत है, इस ड्रग रैकेट की जड़ें अब और गहरी जांच में सामने आएंगी।

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