विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो की टिप्पणियों को गलत बताते हुए खारिज कर दिया। भारत को उम्मीद है कि अमेरिका के साथ संबंध आपसी सम्मान और हितों के आधार पर आगे बढ़ेंगे।

भारत सरकार ने कहा कि वह अमेरिका के साथ अपने संबंधों में ठोस एजेंडा पर ध्यान केंद्रित किए हुए है और उसे उम्मीद है कि दोनों देशों के संबंध आपसी सम्मान और हितों के आधार पर आगे बढ़ेंगे। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर थोपे गए 50 प्रतिशत टैरिफ का बचाव करते हुए नवारो ने दावा किया था कि “ब्राह्मण” भारतीय लोगों की कीमत पर मुनाफा कमा रहे हैं।

नवारो की टिप्पणी पर भारत ने क्या कहा?

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “दोनों देशों के बीच एक व्यापक, वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है, जो साझा हितों, लोकतांत्रिक मूल्यों और मजबूत जन-स्तरीय संबंधों पर आधारित है। यह साझेदारी कई उतार-चढ़ावों और चुनौतियों का सामना कर चुकी है। हम दोनों देशों के बीच तय किए गए महत्वपूर्ण एजेंडे पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं और हमें उम्मीद है कि आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर यह संबंध आगे बढ़ता रहेगा।”

क्या कहा था पीटर नवारो ने?

बता दे कि पीटर नवारो ने भारत की रूस से तेल खरीद को लेकर कड़ी आलोचना की और कहा कि इससे यूक्रेन युद्ध को अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा मिल रहा है. उनका आरोप है कि भारत रूसी तेल को यूरोप, अफ्रीका और एशिया में ऊंचे दामों पर बेचकर बड़ा मुनाफ़ा कमा रहा है. इतना ही नहीं, अमेरिकी टैरिफ़ लगाए जाने के कुछ ही घंटे बाद नवारो ने रूस-यूक्रेन संघर्ष को विवादास्पद रूप से ‘मोदी का युद्ध’ कहा था.

ट्रंप के सलाहकार ने लगाए ये आरोप

इससे पहले फ़ॉक्स न्यूज़ को दिए एक साक्षात्कार में भारत द्वारा रूसी तेल ख़रीद पर टिप्पणी करते हुए नवारो ने दावा किया थी कि फ़रवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण से पहले भारत का रूसी कच्चे तेल के साथ बहुत कम जुड़ाव था. उन्होंने कहा कि रूस के तेल रिफाइनर भारत की बड़ी कंपनियों से मिलकर काम कर रहे हैं. पुतिन भारत को सस्ते दाम पर तेल बेचते हैं, भारत उसे रिफाइन करके यूरोप, अफ्रीका और एशिया में महंगे दामों पर बेचता है और बड़ा मुनाफा कमाता है. उनका आरोप था कि भारत रूस के लिए धोबीघर बन गया है, जिससे यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा मिल रहा है.

नवारो ने उठाए ये सवाल

व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार ने यह भी सवाल उठाया कि भारत रूस और चीन से रिश्ते क्यों मजबूत कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारतीय लोगों को समझना चाहिए कि ब्राह्मण अपने फायदे के लिए आम लोगों की कीमत पर मुनाफा कमा रहे हैं और इसे रोकना जरूरी है.

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