नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के कठुआ गैंगरेप मामले में फॉरेंसिक रिपोर्ट आ गई है, जिसने आरोपियों द्वारा की गई 8 साल की बच्ची के साथ हैवानियत की सारी दास्तां बयां कर दी है. इस रिपोर्ट ने आरोपियों के ऊपर शिकंजा कस दिया है. इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है.

फॉरेंसिक रिपोर्ट के मुताबिक आरोपियों ने अपनी घिनौनी करतूत को छिपाने की हरसंभव कोशिश की थी. बच्ची के कपड़ों को भी धो दिया था, ताकि सबूत नष्ट हो जाएं. बता दें कि जब श्रीनगर के फॉरेंसिक लैब में एक्सपर्ट्स कोई ठोस रिपोर्ट नहीं दे पाए, तब बच्ची के इंटरनल पार्ट से मिले वजाइनल स्मियर, बाल और पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया, आरोपी शुभम सांगरा के ब्लड सैंपल दिल्ली की फॉरेंसिक लैब में भेजे गए थे.

इसके अलावा मृतक बच्ची के विसरा सैंपल और आरोपी परवेश के ब्लड सैंपल, आरोपी विशाल जंगोत्रा के ब्लड सैंपल, बच्ची के कपड़े, वारदात के आसपास की मिट्टी और बच्ची की खून से सनी मिट्टी भी दिल्ली स्थित फॉरेंसिक लैब में भेजे गए थे.

फॉरेंसिक रिपोर्ट में अहम खुलासे

अब जब फॉरेंसिक रिपोर्ट आ गई है, तो पता चला है कि पीड़िता के खून के निशान उसके डीएनए से मैच करते हैं. वैजाइनल स्मियर में भी उसका खून पाया गया है. साथ ही जिस देवी स्थान पर बच्ची के साथ गैंगरेप हुआ, वहां से खून का धब्बा लगा हुआ लकड़ी का डंडा और बाल मिले, जो मृत बच्ची के डीएनए से मैच करते हैं. साथ ही डीएनए प्रोफाइलिंग से ये भी पता चलता है कि आरोपी सांझीराम ने बच्ची को बंधक बनाकर रखा हुआ था.

रिपोर्ट से ये भी पता चला है कि शव के पास से मिले बाल के डीएनए आरोपी शुभम सांगरा के डीएनए प्रोफाइल से मेल खाता है. वहीं बच्ची के साथ भयावह गैंगरेप की पुष्टि भी मेडिकल रिपोर्ट से हो चुकी है

गौरतलब है कि कठुआ के रासना गांव में बकरवाल समुदाय की 8 साल की बच्ची के साथ इसी साल जनवरी के महीने में गैंगरेप हुआ. देवी स्थान पर करीब एक हफ्ते तक बच्ची को बंधक बनाकर उसके साथ गैंगरेप किया जाता रहा. इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई थी.

आरोप गांव के एक मंदिर के सेवादार सांझीराम पर लगा. कहा जा रहा है कि बकरवाल समुदाय को गांव से बेदखल करने के इरादे से यह साजिश रची गई थी. इस मामले में एक नाबालिग समेत 8 लोगों को आरोपी बनाया गया है. सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. मामले में पुलिस अधिकारी भी आरोपी हैं. इस मामले की अगली सुनवाई सेशन कोर्ट में 28 अप्रैल को होगी.