लखनऊ. उत्तर प्रदेश में फॉरेस्ट क्लाइमेट चेंज एंड वाइल्डलाइफ यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी. इसके लिए बरेली की सदर तहसील के गांव मांझा में 135 हेक्टेयर जमीन चिह्नित की गई है. इसमें वन, पर्यावरण एवं वन्यजीवों से सबंधित विषयों का अध्ययन कराया जाएगा.

इस बारे में शासन को प्राथमिक रिपोर्ट सौंप दी गई है. इस मामले में जमीन आदि की व्यवस्था के लिए प्राथमिक रिपोर्ट सौंपने की जिम्मेदारी बरेली के मुख्य वन संरक्षक ललित वर्मा, वन संरक्षक विजय सिंह और डीएफओ समीर कुमार की समिति को सौंपी गई थी. इस समिति ने अपनी रिपोर्ट भेज दी है. प्रस्ताव के अनुसार, वाइल्डलाइफ यूनिवर्सिटी में जलवायु परिवर्तन, वानिकी, पर्यावरण और नदियोंं से संबंधित पाठ्यक्रम होंगे. वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी पर भी उच्चस्तरीय कोर्स चलाए जाएंगे. सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री कोर्सेज की सुविधा रहेगी. इनकी अवधि छह माह से लेकर चार वर्ष तक की होगी.

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इसके अलावा शोध छात्रों के लिए विश्वस्तरीय पुस्तकालय, ई-लाइब्रेरी और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. ढांचागत सुविधाएं इस तरह से विकसित की जाएंगी कि देश-दुनिया के छात्र यहां पढ़ाई के लिए आकर्षित हो सकें. वन विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने के आग्रह के साथ बताया कि इस परियोजना पर गंभीरता से काम चल रही है.

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