संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी। अचानकमार टाइगर रिजर्व अंतर्गत सिहावल सागर में हाथी की सवारी करने वाला प्रशिक्षक एवं देखभाल करने वाला महावत को पिछले 9 महीने से वेतन नही मिला है, जिसके चलते अब उनके सामने जीवन-यापन की समस्या खड़े हो गई है.
बता दें अचानकमार टाइगर रिजर्व के जंगल में बड़ी दुर्घटना होने पर राजू हाथी का उपयोग एटीआर के बड़े अधिकारी घायल जंगली जानवर तक जाकर पहुंचने के लिए करते हैं. अचानकमार टाइगर रिजर्व के सिहावल सर्किल में हाथी की देखभाल महावत का काम रहते हैं. यहां तीन हाथी हैं, जिसके महावत को 18 हजार महीना वेतन देना निर्धारित है, लेकिन उन्हें विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से 9 महीने तक वेतन नहीं मिला है. पूरे मामले में एटीआर के अधिकारियों की लापरवाही सामने आ रही है, जिसका खामियाजा महावत को भुगतना पड़ रहा है.
सरगुजा निवासी महावत शिव मोहन राम राजवाड़े ने बताया वेतन भुगतान के लिए उन्होंने वन विभाग के रेंजर, एसडीओ, डीएफओ और विभाग के बड़े अधिकारी के दफ्तर का चक्कर काटने के बाद भी उन्हें 9 माह का लंबित वेतन भुगतान नही हो सका. ऐसे में अब उनके सामने भुखमरी की स्थिति है. यही नहीं उन्होंने बताया कि 2010 में नियमितीकरण की बात कही गई थी, लेकिन सीएफ ने पद स्वीकृत नही होने का हवाला दे दिया, जिसके बाद 2013 से राजू हांथी की देखभाल कर रहा हूं. महावत ने बताया कि मेरा वेेेतन मार्च 2021 में केवल 26 हजार रुपए बैंक अकाउंट में जमा हुआ है. इसके बाद से अब तक वेतन नहीं मिला है.
मामले में छत्तीसगढ़ राज्य दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष सुरेश कुमार चेचाम ने बताया कि अचानकमार टाइगर रिजर्व अंतर्गत कार्यरत 300 से अधिक दैनिक श्रमिकों को 6 महीने से वेतन भुगतान नहीं होने के चलते समस्या का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने जल्द ही दैनिक श्रमिको का वेतन भुगतान नहीं होने पर एक सप्ताह के भीतर काम बंद करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठने की चेतावनी दी है. उन्होंने बताया कि इस बात की शिकायत वनमंत्री से भी की गई है, जिनके द्वारा वेतन भुगतान कर देने की बात कही गई. इस विषय पर एटीआर के डीएफओ सत्यदेव शर्मा ने बताया कि पीसीसीएफ कार्यालय से पेमेंट मिलने पर सभी के वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा.