संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी. जिले के लोरमी में एक बार फिर लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का असर हुआ है. मामला लोरमी क्षेत्र के अचानकमार टाइगर रिजर्व का है. जहां कुछ दिनों पहले वनग्राम सुरही में हुई तीरंदाजी प्रतियोगिता का जमकर विरोध किया जा रहा था.
दरअसल, वन विभाग की ओर से आयोजित इस प्रतियोगिता के दौरान 46 आदिवासियों के तीर-धनुष भी सरेंडर कराए गए थे. तब इसे तीर-धनुष समर्पण अभियान नाम दिया गया था. जिसका एटीआर संघर्ष समिति के कार्यकारिणी अध्यक्ष दिलहरण टेकाम और पोकल सिंह पनरिया समेत अन्य लोगों ने प्रतियोगिता के नाम पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए 10 दिनों के भीतर उन्हें सम्मानपूर्वक तीर-धनुष नहीं लौटाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी थी.
इस खबर को लल्लूराम डॉट कॉम में प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद आनन-फानन में एटीआर के अधिकारियों ने सुरही में ही कार्यक्रम आयोजित कर 46 बैगा आदिवासियों के जब्त किए तीर धनुष को वापस कर दिया गया है.
एटीआर संघर्ष समिति ने जताया आभार
इसके लिए एटीआर संघर्ष समिति के सदस्यों ने चैनल को धन्यवाद दिया है कि उनकी मांग को प्रमुखता से दिखाया गया. जिसके बाद एटीआर के अधिकारियों द्वारा अमल करते हुए तीर धनुष को वापस दे दिया गया.
बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे विधायक
एटीआर क्षेत्र के कोर जोन सुरही में 28 मार्च को हुए तीरंदाजी प्रतियोगिता में क्षेत्रीय विधायक धर्मजीत सिंह बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे. इस कार्यक्रम के दौरान तीर धनुष समर्पण अभियान का विरोध होने पर विधायक ने एक सवाल पर कहा कि मैं आदिवासियों का सम्मान करता हूं. मैं उस कार्यक्रम में गलती और धोखे से पहुंच गया था.
विधायक का कहना था कि उन्हें लगा कि तीर धनुष समर्पण के लिए विभाग की तरफ से आदिवासियों से कोई बात हुई होगी. लेकिन ऐसा नहीं था. जिसके बाद विधायक ने उनसे माफी मांगते हुए तीर धनुष को तत्काल वापस देने की मांग की थी. वहीं जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सागर सिंह बैस ने भी आदिवासियों की पहचान एवं उनके देवी-देवताओं के प्रतीक को जल्द ही सम्मान के सांथ वापस देने की मांग की थी.
ये था पूरा मामला
अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र अंतर्गत वनपरिक्षेत्र सुरही में तीरंदाजी प्रतियोगिता के दौरान हुए तीर धनुष गुलेल समर्पण कार्यक्रम का एटीआर संघर्ष समिति के सदस्यों द्वारा जमकर विरोध किया जा रहा था. समिति के सदस्यों की मांग थी कि समर्पण के नाम पर आदिवासियों के सांथ धोखा किया गया है. उनके तीर धनुष को जब्त किया गया है. उसे उन्हें सम्मानपूर्वक वापस किया जाए नहीं तो संघर्ष समिति के बैनर तले वनांचल के लोगों द्वारा एटीआर कार्यालय का घेराव किया जाएगा.
आंदोलन की दी थी चेतावनी
वहीं इसको लेकर एटीआर समिति के अध्यक्ष दिलहरण टेकाम और पोकल सिंह पनरिया ने तीर धनुष को सम्मान पूर्वक वापस नहीं करने पर 16 मई को वनांचल के सभी आदिवासियों के साथ पैदल मार्च करते हुए एटीआर कार्यालय का घेराव करने चेतावनी दी थी. जिसके बाद आनन-फानन में आदिवासियों से जब्त तीर धनुष को वापस कर दिया गया है.
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