शरद पाठक, छिंदवाड़ा। जिले के पूर्व वन मंडल में पदस्थ एक वनरक्षक ने एक माह पूर्व जिला कलेक्टर एवं वन संरक्षक को आत्महत्या की अनुमति के लिए आवेदन दिया था। उसके एक माह बाद उसके घर से उसका शव बरामद हुआ है। पुलिस के अनुसार शव करीब 5- 6 दिन पुराना और पूरी तरह गल चुका था।

वनरक्षक लोधी ओमप्रकाश वर्मा श्रीवास्तव कॉलोनी में अपने घर में मृत अवस्था में पाया गया। धर्म टेकड़ी पुलिस चौकी के अनुसार उनके घर से बदबू आ रही थी, जानकारी पर जब वहां जाकर जांच की गई तो वहां उसका शव पाया गया। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है। पुलिस के अनुसार शव करीब 5 दिन पुराना था और बुरी तरह से खराब हो चुका था।

9 महीने से वेतन नहीं मिला था

आत्महत्या की अनुमति के आवेदन में मृतक वनरक्षक लोधी ओमप्रकाश वर्मा जिसने दो डिवीजन द्वारा जिसमें पश्चिमी वन मंडल छिंदवाड़ा एवं वन मंडल उत्पादन अधिकारी छिंदवाड़ा से उसे आधिकारिक तौर से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। आरोप पत्र में उसके निलंबन, वेतन वृद्धि रोककर तथा निलंबन अवधि के दौरान कटी हुई वेतन और समयमान वेतनमान लाभ 2017 से नहीं दिए जाने। सवा साल से चार बार स्थानांतरण कर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। बीते 9 माह से वेतन नहीं मिला था। आवेदन पत्र में वन संरक्षक कार्यालय की 6 जून 2024 और कलेक्टर कार्यालय की प्राप्ति की सील मुहर लगी हुई है। ग्रामीण विकास मंत्रालय प्रहलाद पटेल एवं मुख्य संरक्षक छिंदवाड़ा दोनों को प्रतिलिपि भी भेजी गई है।

पत्नी और बच्चे साथ में नहीं थे

पड़ोसिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार वनरक्षक मानसिक रूप से प्रताड़ित होने के कारण मदिरापान करने लगा था। आर्थिक परेशानियों ने उसके परिवार को उससे अकेला कर दिया था। जानकारों के मुताबिक ओम प्रकाश को उसकी मां ने 8 तारीख को देखा था, उसके बच्चे एवं पत्नी कुछ दिन से उसके साथ नहीं थे। हर्रई के सलैया काष्ठागार प्रमुख विकास मिश्रा से जानकारी प्राप्त हुई कि लोधी ओमप्रकाश वर्मा वह काष्ठागार में पदस्थ थे किंतु उनकी उपस्थिति बहुत कम रहती थी क्योंकि वह अपनी परेशानियों के चलते आफिसों के चक्कर काटता रहता था।

वी मुनिराजु, मुख्य वन संरक्षक

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