रायपुर। राज्य में मानव-हाथी द्वंद पर नियंत्रण के लिए हाथी के पास और उनके विचरण मार्ग में मनाही के बावजूद जान-बूझकर आवा-जाही करने वाले व्यक्ति के खिलाफ अब वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत गिरफ्तार सहित सख्त कार्रवाई की जाएगी. वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने आज राजधानी के शंकर नगर स्थित अपने निवास कार्यालय में मानव-हाथी द्वंद्व पर नियंत्रण और प्रबंधन संबंधी आयोजित बैठक में उक्त आशय के निर्देश दिए.

वन मंत्री अकबर ने बैठक में समीक्षा करते हुए सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि राज्य में मानव-हाथी द्वंद को गंभीरता से लें और किसी तरह की लापरवाही न बरतते हुए मानव-हाथी द्वंद में कमी लाने सहित नियंत्रण और समुचित प्रबंधन के लिए समन्वित प्रयास करें. उन्होंने इस दौरान जंगली हाथियों के साथ साहचर्य हेतु ग्रामीणों में जनजागरूकता, प्रचार-प्रसार एवं ग्रामीणों को शिक्षा और उनके साथ द्वंद से बचने के लिए उपायों को आदान-प्रदान करने पर भी विशेष जोर दिया.

इसके तहत उन्होंने राज्य के जंगली हाथियों से प्रभावित वनमंडलों में हाथियों के संरक्षण तथा मानव-हाथी द्वंद को न्यूनतम करने के लिए विभिन्न प्रकार के नवाचार, क्षमता विकास प्रशिक्षण तथा जनजागरूकता आदि के कार्यक्रमों को भी बेहतर ढंग से संचालित करने के संबंध में निर्देशित किया.

वन मंत्री अकबर ने वन मंडलाधिकारियों को जंगली हाथियों से प्रभावित वनमंडलों में विचरण कर रहे हाथियों के दलों के नामकरण के लिए शीघ्रातिशीघ्र प्रस्ताव देेने के संबंध में निर्देश दिए, ताकि वहां विचरण कर रहे जंगली हाथियों के सुगमतापूर्वक निगरानी का कार्य किया जा सके.

उन्होंने बताया कि राज्य में जंगली हाथियों पर कुशलतापूर्वक निगरानी के लिए जल्द ही चिन्हित 12 हाथियों पर रेडियो कॉलरिंग का कार्य भी किया जाएगा. इसी तरह उन्होंने विचरण कर रहे जंगली हाथियों के बारे में क्षेत्र के आस-पास के गांवों में मुनादी के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए. उन्होंने विचरण कर रहे हाथियों की सुरक्षा के संबंध में भी विभागीय अधिकारियों को सजग होकर कार्य करने के लिए कहा। राज्य में वर्तमान में 14 विभिन्न दलों में 266 जंगली हाथी विचरण कर रहे हैं.

बैठक में विभागीय अधिकारियों द्वारा बताया गया कि राज्य में मानव-हाथी द्वंद पर नियंत्रण के लिए जन-जागरूकता लाने सहित अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. इनमें जंगली हाथियों के समूह के आगमन की पूर्व सूचना गांव में वायरलेस, मोबाइल और माइक आदि के माध्यम से मुनादी कर दी जा रही है.

हाथी विचरण क्षेत्र और आसपास के ग्रामीणों को हाथियों के साथ साहचर्य बनाए रखने के लिए आवश्यक समझाइश दी जा रही है. हाथियों के प्रति बदले की भावना को कम करने के लिए प्रभावित ग्रामीणों को समय पर मुआवजे का भुगतान किया जा रहा है. इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन मनोज पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) पी.व्ही. नरसिंग राव तथा मुख्य वन संरक्षक एच.एल. रात्रे और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.

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