शिमला- नागालैंड- मणिपुर के राज्यपाल रह चुके और पूर्व सीबीआई प्रमुख अश्विनी कुमार ने आत्महत्या कर ली है. शिमला स्थित ब्राक हास्ट के अपने घर में वह फांसी के फंदे पर लटके पाए गए. एसपी मोहित चावला की अगुवाई में पुलिस घटनास्थल पर मौजूद हैं और मामले की विवेचना कर रही है. बताते हैं कि पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है.
अश्विनी कुमार हिमाचल प्रदेश के डीजीपी भी रह चुके हैं. अगस्त 2006 से जुलाई 2008 तक वह बतौर डीजीपी सेवारत थे. पुलिस प्रमुख रहने के दौरान उन्होंने कई सुधार कार्य किए थे. थानों को डिजिटलाइज करने का बड़ा काम उनके हिस्से हैं. पहाड़ी इलाकों में दूरदराज की शिकायत इससे आसान हुई. इसके बाद उन्हें सीबीआई का चीफ बनाया गया था. इस पद पर अश्विनी कुमार 2 अगस्त 2008 से 30 नवंबर 2010 तक पदस्थ रहे. बाद में उन्हें मणिपुर का राज्यपाल नियुक्त किया गया. वह राज्यपाल के रूप में दिसंबर 2013 तक काबिज रहे.
सुसाइड नोट में यह लिखा मिला
ब्राक हास्ट स्थित अपने घर में फांसी लगाने वाले अश्विनी कुमार ने एक सुसाइ़ड नोट लिख छोड़ा है. इस नोट में उन्होंने लिखा है कि- मैं जिंदगी से तंग आ गया हूं और अगली यात्रा पर निकल रहा हूं.
मैनेजमेंट में पीएचडी थे अश्विनी कुमार
अश्विनी कुमार का जन्म 15 नवंबर 1950 को हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के नाहन में हुआ था. उन्होंने किन्नौर जिले के कोठी गांव के पास सरकारी प्राइमरी स्कूल में अपनी शुरुआती पढ़ाई की थी. इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज देहरादून और बिलासपुर के सरकारी कॉलेज से पढ़ाई की. उनका ग्रेजुएशन हिमाचल प्रदेश के नाहन स्थित सरकारी कॉलेज से हुआ. उन्होंने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट में पीएचडी की थी.