नितिन नामदेव, रायपुर। स्मार्ट सिटी और नवा रायपुर के प्रोजेक्ट में 500 करोड़ का काम दिलाने का झांसा देकर 15 करोड़ की ठगी करने वाले पूर्व सीएम भूपेश बघेल के करीबी केके श्रीवास्तव की 12 दिन की पुलिस रिमांड समाप्त हो गई है। रिमांड खत्म होने के बाद सोमवार को उन्हें तेलीबांधा थाना पुलिस ने सीजेएम कोर्ट रायपुर में पेश किया, जहां से कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
पुलिस ने कोर्ट में दोबारा रिमांड की मांग नहीं की। पुलिस का कहना है कि आरोपी से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं, जिनके आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
क्या है मामला?
के.के. श्रीवास्तव पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी रावत एसोसिएट्स के मालिक अशोक रावत से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में 500 करोड़ रुपये का ठेका दिलवाने के नाम पर करीब 15 करोड़ रुपये की ठगी की। जब ठेका नहीं मिला तो आरोपी ने पैसे लौटाने का वादा किया, लेकिन बाद में दिए गए तीनों चेक बाउंस हो गए।
जांच में यह भी सामने आया कि श्रीवास्तव और उनके बेटे कंचन श्रीवास्तव के खातों में करीब 300 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। यह रकम फर्जी कंपनियों और ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के नाम पर खोले गए खातों में ट्रांसफर की गई। मामला आयकर विभाग को जांच के लिए सौंपा गया है।
गौरतलब है कि के.के. श्रीवास्तव की पहचान न केवल एक रसूखदार शख्स के तौर पर रही है, बल्कि कांग्रेस सरकार के दौरान वे तंत्र-मंत्र और पूजा-पाठ के माध्यम से सत्ता के गलियारों में गहरी पैठ बनाए हुए थे। सूत्रों के मुताबिक, तत्कालीन सत्ताधारी नेता भी उनसे ‘तांत्रिक क्रियाएं’ कराने बिलासपुर जाया करते थे।
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