शैलेन्द्र पाठक, बिलासपुर। पूर्व मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) के सुप्रीमो अजीत जोगी को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने जाति मामले में जोगी को राहत देने से इंकार करते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया है. याचिका खारिज होने के बाद उनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है. पुलिस उन्हें कभी भी गिरफ्तार कर सकती है.
अजीत जोगी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर छानबीन समिति द्वारा दिये गए FIR के आदेश पर स्टे देने और निरस्त करने की मांग की थी और कहा था कि 1967 की घटना को लेकर 2019 में FIR किया गया है जो कि चलने योग्य नहीं है क्योंकि एक्ट 2013 में बना है. जिस पर शासन की ओर से महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने पैरवी की. महाधिवक्ता ने बताया कि उन्होंने कोर्ट में जवाब पेश किया और न्यायालय को बताया, “ये लगातार अपराध है, 2019 में अपराध का कॉन्सटीट्यूशन हो गया क्योंकि छानबीन समिति ने पाया कि जाति प्रमाण पत्र फर्जी है. जिस पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए जोगी को स्टे देने से इकांर कर दिया और उनकी याचिका को भी खारिज कर दिया.”
कानून विशेषज्ञों के मुताबिक चूंकि कोर्ट द्वारा जोगी की याचिका को खारिज कर दिया है, इसलिए उनके खिलाफ अब सरकार कभी भी कार्रवाई कर सकती है और उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है.