हेमंत शर्मा, इंदौर। आईपीडीएस योजना (एकीकृत विद्युत विकास योजना) (इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम) में हुए 230 करोड़ के घोटाले मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री राजकुमार सिंह को पत्र लिखा है। दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री से घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। साथ ही दोषी अधिकारियों पर अब तक कार्रवाई करने की भी मांग की है।
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में केंद्र की योजना आईसीडीएस में करोड़ों रुपए के घोटाले की शिकायत एडवोकेट अभिजीत पांडे द्वारा की गई थी। जिसकी जांच लगभग 10 महीने से चल रही है। ॉअब तक किसी भी दोषी अधिकारी पर विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है।
बता दें कि lalluram.com के ऑपरेशन के सी के जरिए हमने खुलासा किया था किस प्रकार से देवास के बजरंग नगर फीडर से पचपन खंभे मौके से गायब थे। अधिकारियों ने ठेकेदार के साथ मिलीभगत कर कर कंपनी को करोड़ों रुपए का चूना लगाया था। इस पूरे मामले में सही तरीके से जांच ना होने पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री राजकुमार सिंह को पत्र लिखकर घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।साथ ही घोटाले में लिप्त अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पत्र लिखकर मांग की है।
523 करोड़ में 14 जिलों के लिए टेंडर किया गया था
दरअसल आईपीडीएस योजना के तहत केंद्र से 523 करोड़ में 14 जिलों के लिए टेंडर किया गया था । इंदौर, उज्जैन, देवास खंडवा, बुरहानपुर जैसी जगहों पर घोटाले की जांच शुरू कर दी गई। शिकायतकर्ता के मुताबिक अधिकारी पूरी जांच को दबाने में जुटे हुए हैं। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाए हैं कि आईपीडीएस योजना के तत्काल प्रोजेक्ट डायरेक्टर संजय मुहासे, तत्कालीन प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुब्रत राय, तत्कालीन प्रोजेक्ट डायरेक्टर अशोक शर्मा, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर कामेश श्रीवास्तव, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर पवन जैन, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर राजेंद्र नेगी पर शिकायतकर्ता ने गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही असिस्टेंट इंजीनियरों ने खुलकर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बिल पास करने के लिए दबाव बनाने को लेकर खुलकर विरोध कर दिया है।
वरिष्ठ अधिकारियों पर जबरदस्ती बिल पास कराने का आरोप
इंजीनियर एसोसिएशन के पदाधिकारी जीके वैष्णव ने असिस्टेंट इंजीनियरों से जबरदस्ती बिल पास कराने का आरोप वरिष्ठ अधिकारियों पर लगाया है। साफ कह दिया अगर किसी भी असिस्टेंट इंजीनियर पर कोई कार्यवाही होती है तो आंदोलन की चेतावनी भी दे दी है। आईपीडीएस योजना के अंतर्गत दक्षिण शहर संभाग में हेमा पावर के द्वारा किए गए कामों की जांच के लिए 15 अधिकारियों की जांच टीम बनाई गई थी। इसमें जांच अधिकारी धर्मेंद्र पाटीदार पर भी शिकायतकर्ता ने जांच सही तरीके से नहीं करने के आरोप लगाए हैं।
संजय मुहासे पर जांच को प्रभावित करने का आरोप
दरअसल विभाग की जांच में देवास के 44 बिल मेरे साथ भी लो कि जब जांच की गई तो 7 दिनों में लगभग 25% की गड़बड़ी अधिकारियों को मिली। इस पूरे मामले में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाए हैं कि 523 करोड़ में से लगभग 230 करोड रुपए का घोटाला हुआ है। यानी की 50% का घोटाला होने के आरोप शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए हैं। धर्मेंद्र पाटीदार विद्युत वितरण कंपनी में सुपरीटेंडेंट इंजीनियर के पद पर पदस्थ हैं, जो कि संजय मुहासे के खास आदमी बताए जा रहे हैं। शिकायतकर्ता ने खुलकर आरोप लगाया है कि संजय मुहासे के कहने पर इस जांच को प्रभावित किया गया है
जानिय क्या है आईपीडीएस योजना
इस योजना कोे स्थापित करने का प्रमुख ध्येय 10वीं योजना के दौरान सब-ट्रांसमिशन और वितरण नेटवर्क को मजबूत एवं अपग्रेड करके इन्फोर्मेशन टेक्नोलोजी को अपनाते हुए बेसलाइन डाटा की स्थापना करना है। साथ ही ज़िम्मेदारी का निर्धारण व एटीएंडसी हानियों को 15 प्रतिशत तक कम करना है। योजना के अंतर्गत इस परियोजना को दो भागों में शुरू किया जाएगा।