रायपुर- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज कोरोना आपदा के बीच मुख्यमंत्री सहायता कोष में दान की गई राशि का हिसाब दिया. उन्होंने ट्वीट कर दानदाताओं से मिली राशि का खुलासा किया. अपने ट्वीट के जरिए भूपेश बघेल ने बताया कि अब तक सहायता कोष में 56 करोड़ 4 लाख 815 रूपए मिले हैं. यह राशि 24 मार्च से 7 मई तक के बीच प्राप्त हुई है. उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में यह बताया कि कोरोना की रोकथाम एवं जरूरतमंदों की सहायता के लिए राज्य के सभी जिलों को 10 करोड़ 25 लाख 30 हजार रूपए जारी किए जा चुके हैं.मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट के समय सरकार पर इतना भरोसा सबने जताया है, तो पारदर्शिता बरकरार रखना मेरा कर्तव्य है. उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि विश्वास है कि आपका सहयोग आगे भी मिलेगा.
मैं आप सबके बीच “मुख्यमंत्री सहायता कोष” का हिसाब रख रहा हूँ।
मैं बताना चाहूँगा कि बीते 24 मार्च से लेकर 7 मई तक मुख्यमंत्री सहायता कोष में विभिन्न दान दाताओं के द्वारा कुल 56 करोड़ 4 लाख 38 हज़ार 815 रुपए की राशि प्राप्त हुई है।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) May 11, 2020
जिसमें से कोरोना की रोकथाम एवं जरूरतमदों की सहायता के लिए राज्य के सभी जिलों को 10 करोड़ 25 लाख 30 हजार रूपए की राशि जारी की जा चुकी है।
संकट के समय में आप सरकार पर इतना भरोसा जता रहे हैं तो पारदर्शिता को बरकरार रखना मेरा भी कर्तव्य है।
विश्वास है आपका सहयोग आगे भी मिलेगा।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) May 11, 2020
भूपेश बघेल के ट्वीट पर साझा की गई जानकारी के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पीएम केयर्स में मिले दान पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री दान में मिली प्रत्येक राशि का हिसाब दे रहे हैं, लेकिन पीएम केयर्स के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही. मरकाम ने ट्वीट कर लिखा कि कांग्रेस सरकार का मतलब पारदर्शिता है.
हमारे माननीय मुख्यमंत्री जी सहायता कोष में प्राप्त प्रत्येक पैसे का हिसाब दे रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ #PMCares के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही है।
कांग्रेस सरकार = पारदर्शिता https://t.co/F6LzFGeIKu
— MOHAN MARKAM (@MohanMarkamPCC) May 11, 2020
मोहम मरकाम की टिप्पणी पर पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह ने पलटवार किया है. उन्होंने अपने बयान में कहा कि-
सरकार पहले डीएमएफ के 700 करोड़ रूपए का हिसाब दे. मजदूरों के लिए रखे गए 400 करोड़ रूपए की राशि का क्या हुआ? यह कब उनके खाते में डाली जाएगी. अलग-अलग पीएसयू के जरिए जो छह-सात सौ करोड़ रूपए मिले हैं. उसका हिसाब कहां है. तीन-चार हजार करोड़ रूपए का फंड सरकार के पास है, लेकिन कोरोना संकट से निपटने के लिए केंद्र की मंजूरी के बाद भी सरकार ने इसका इस्तेमाल नहीं किया है. इधर जितना कर्ज हमने 15 सालों में नहीं लिया, उससे ज्यादा कर्जा इस सरकार ने ले लिया है. ये छत्तीसगढ़ को दिवालिया कर देंगे.