बेंगलुरु। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ऐसा काम किया है जो दूसरे कांग्रेस नेताओं के लिए नजीर बन गया है. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आरक्षण की सीमा 50 से 75 प्रतिशत बढ़ाए जाने की बात कहते हुए जातियों की जनसंख्या के हिसाब से आरक्षण देने के लिए कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रतिबद्धता जताई है.

बता दें कि कर्नाटक चुनाव में आरक्षण का मुद्दा एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है. चुनाव की घोषणा होने से ठीक पहले सत्ताधारी भाजपा ने मुसलमानों को पूर्ववर्ती सरकार द्वारा दिए गए 4 प्रतिशत आरक्षण को खत्म करते हुए 2-2 प्रतिशत के हिसाब से कर्नाटक के दो प्रमुख संप्रदाय लिंगायत और वोकालिंग्गा को बांटने का फैसला लिया था.

हालांकि, कर्नाटक सरकार के इस फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई तक इस फैसले को लागू किए जाने पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 9 मई को होगी.

इधर सिद्धारमैया के आरक्षण को लेकर दिए बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य में प्रमुख विपक्षी दल के रूप में “चुनावी वादा” कभी पूरा नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि चूंकि सिद्धारमैया आगामी चुनाव में बुरी तरह हारने वाले हैं, इसलिए राज्य में आरक्षण की सीमा बढ़ाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है.

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