रायपुर- प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया के पत्र के बाद शिक्षा विभाग में हुए तबादले पर सियासत गर्मा गई है. तबादले को लेकर हमलावर हुई बीजेपी ने सत्ता के दुरूपयोग का आरोप लगाया है. पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह ने पुनिया पर निशाना साधते हुए कहा कि संगठन के नेता यदि ट्रांसफर करने लगेंगे, तो राज्य की स्थिति क्या होगी? इससे अराजकता के हालात पैदा हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ही नहीं बल्कि हर विभागों में ट्रांसफर का राजनीतिकरण हो रहा है. छांट-छांट कर ट्रांसफर किया जा रहा है. ऐसा आज तक नहीं हुआ कि वैचारिक तमगा लगाकर किसी का तबादला कर दिया गया हो, सरकार इस तरह से अधिकारी-कर्मचारियों को बदनाम कर रही है.
 
गौरतलब है कि कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया की एक चिट्ठी को आधार बनाकर स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़े पैमाने पर तबादले कर दिए. इस पत्र में कहा गया था कि सरकार बनने के बाद से ही शिक्षकों की पदस्थापना को लेकर शिकायतें आ रही थी कि बीजेपी सरकार में जो भ्रष्टाचार में संलिप्त रहे हैं, उन्हें शिक्षा विभाग में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियां दे दी गई. इस मामले में हस्तक्षेप कर सुधार लाने की बात कही गई थी. 
 

बता दें कि  सरकार बदलने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग के कई अफसरों को हटाने की मांग होती रही है. आरोप लगा था कि ये सभी भाजपा सरकार में प्रभावशाली रहे हैं और उनके खिलाफ कई शिकायते की गई थी. शिकायतों के बाद भी अधिकारियों को हटाया नहीं जा रहा था. पिछले दिनों कांग्रेस नेता शारिक रईस खान ने प्राचार्य एमआर सावंत को हटाने के लिए इसकी शिकायत प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से की. प्रदेश प्रभारी से शिकायत के बाद उन्हें हटाकर धरसींवा के पथरी स्कूल में भेजा गया है. इसी तरह पिछली सरकार में तीन मंत्रियों के निजी स्टॉफ में रहे आरएन सिंह की स्कूल शिक्षा विभाग से हटाकर उन्हें संचालनालय भेजा गया. बताया जाता है कि सरकार बदलने के बाद आरएन सिंह का प्रभाव कम नहीं हुआ था. राजनांदगांव के जिला शिक्षा अधिकारी हेमंत उपाध्याय को लेकर भी कई तरह की शिकायतें की गई थी, लेकिन विभाग के आला अफसरों के प्रभाव के चलते उन्हें हटाया नहीं गया था. अब उन्हें राजनांदगांव से हटाकर दुर्ग भेजा गया है.