शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर छतरपुर में बुलडोजर कार्रवाई को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी लोकतंत्र में किसी भी Investigating Agency और Prosecution को दंड देने का अधिकार नहीं हो सकता है। बुलडोजर संस्कृत को लेकर सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए। बुलडोजर कार्रवाई पर मैंने PIL लगाई है, जो अब तक पेंडिंग है।

पूर्व सीएम व राज्यसभा सांसद दिग्विजय ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर लिखा- छतरपुर की घटना की जितनी निंदा की जाय उतना कम है। किसी भी लोकतंत्र में किसी भी Investigating Agency व Prosecution को दंड देने का अधिकार नहीं हो सकता। “बुलडोज़र संस्कृति” को माननीय Supreme Court को संज्ञान में लेना चाहिए। इस विषय पर मेरी इंदौर High Court में 24/04/2021 से PIL पेंडिंग है।

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दिग्गी ने आगे लिखा- तारीक पर तारीक बढ़ाई जा रही है। जबकि मेरी Prayer क्या है? मैंने सांप्रदायिक घटनाओं पर माननीय Supreme Court के Directions जो राज्य सरकारों को दिये हैं उसका पालन एमपी सरकार करे, यही मेरी प्रार्थना है। उस पर माननीय इंदौर High Court द्वारा एमपी सरकार को Supreme Court के Directions पालन करने के आदेश देने में क्या एतराज होना चाहिए? एक शहर-दो तस्वीरें, एक में अघोषित कर्फ़्यू दूसरी गुलज़ार…!

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इससे पहले दिग्विजय सिंह ने X पर ट्वीट करते हुए लिखा था कि छतरपुर में थाने पर पथराव का मैं समर्थन नहीं करता। लेकिन इसके आरोप में हाजी शहबाज़ अली का मकान ज़मींदोज़ करना, उनकी गाड़ियों पर बुलडोजर चलाना और उसे गुनाहों का मुखिया घोषित करना भी संदेह पैदा करता है।

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