राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना नियंत्रण मॉडल की पीएम मोदी सीएम शिवराज सिंह उत्साहित हैं। अब एमपी मॉडल की एक प्रति प्रधानमंत्री को भेजी जाएगी। इस एमपी मॉडल पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम शिवराज पर निशाना साधा है. कमलनाथ ने मध्य प्रदेश मॉडल की वास्तविकता उजागर करते हुए मुख्यमंत्री से सवाल पूछा है. साथ ही कहा कि कोरोना पर नियंत्रण और उसकी रोकथाम को लेकर प्रदेश में कोई रणनीति व कार्य योजना नहीं है, सिर्फ प्रतिदिन मुख्यमंत्री व जिम्मेदार लोग दिखावटी समीक्षा बैठक व संदेश की खानापूर्ति करते हैं, जनता भगवान भरोसे है.
कमलनाथ ने इस पर मध्यप्रदेश मॉडल की हकीकत व वास्तविकता पर सवाल उठाते हुए सीएम शिवराज से पूछा है कि प्रदेश का कोरोना नियंत्रण मॉडल यही है, जिसमें कोरोना की दूसरी लहर के शुरूवात से लेकर आज तक लोगों को अस्पतालों में इलाज, बेड, ऑक्सीजन, जीवन रक्षक दवाइयां व इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं. जिसके अभाव में हजारों मरीजों ने दम तोड़ा हैं और आज भी दम तोड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश में ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों में मध्यप्रदेश देश में शीर्ष पर पहुंच चुका है. प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, शहडोल, सागर, उज्जैन समेत कई शहरों में ऑक्सीजन की कमी से कई लोगों की मौतों की खबरें सामने आ चुकी हैं. उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश की 16 साल की भाजपा सरकार ने प्रदेश में एक भी ऑक्सीजन प्लांट स्थापित नहीं किया, प्रदेश को ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर नहीं बनाया?
आग लग गई, तब कुआं खोदने चले
पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि आग लग गई, तब कुआं खोदने चले की तर्ज पर आज ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की बात की जा रही है. देश में सबसे ज्यादा रेमड़ेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी व नक़ली इंजेक्शन की सप्लाई के मामले मध्यप्रदेश में ही मामले सामने आए हैं. प्रदेश में एक नया रेमड़ेसिविर माफिया पैदा हो गया है, भाजपा से जुड़े हुए लोगों के नाम रोज जीवन रक्षक दवाइयों व उपकरणों की कालाबाज़ारी में सामने आ रहे हैं.
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टीकाकरण और टेस्टिंग पर सवाल
कमलनाथ में प्रदेश में कोरोना की टेस्टिंग और टीकाकरण को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति बेहद भयावह है. वहां न लोगों की टेस्टिंग हो पा रही है, न इलाज मिल पा रहा है. प्रदेश भर में टेस्टिंग और वैक्सीनेशन के पता नहीं है. वैक्सीन के लिए लोग भटक रहे हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना पर नियंत्रण और उसकी रोकथाम को लेकर प्रदेश में कोई रणनीति व कार्य योजना नहीं है, सिर्फ प्रतिदिन मुख्यमंत्री व जिम्मेदार लोग दिखावटी समीक्षा बैठक व संदेश की खानापूर्ति करते हैं, जनता भगवान भरोसे है.
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एमपी के कोरोना मॉडल की पीएम ने की थी तारीफ
गौरतलब है कि एमपी में कोरोना नियंत्रण मॉडल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीफ की है. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री दफ्तर ने एमपी के कोरोना नियंत्रण मॉडल को मंगवाया है. अब एमपी सरकार की ओर से मॉडल की एक प्रति प्रधानमंत्री को भेजी जाएगी. गुरुवार को कोरोना कोर ग्रुप की बैठक में सीएम शिवराज ने इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा- एमपी के मॉडल को दूसरे राज्यों के साथ भी शेयर किया जाएगा.
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