भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर पत्र लिखा है. उन्होंने अनुरोध किया है कि शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में राज्य सरकार स्तर पर नीतिगत निर्णय ले. माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2018 के द्वितीय चरण में विभिन्न विषयों के रिक्त पदों के वितरण के संबंध में न्यायपूर्ण निर्णय कराए. जिससे सभी विषयों के चयनित अभ्यर्थियों को अवसर मिल सके.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को लिखे पत्र में कहा है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान शिक्षकों की भर्ती परीक्षा की गई थी. भर्ती प्रकिया में चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन का कार्य शेष रह गया था. इसके बाद सरकार परिवर्तन के बाद से शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के संबंध में कार्रवाई शिथिल रही है. प्रदेश में शिक्षा के स्तर को उच्च आयाम प्रदान करने के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत न्यूनतम छात्र शिक्षक अनुपात के अनुसार प्रदेश में शिक्षकों की शीघ नियुक्तियां की जाना आवश्यक है. इसके लिए प्रदेश में उच्च माध्यमिक शिक्षकों और माध्यमिक शिक्षकों के रिक्त पदों पर शिक्षकों की स्थाई नियुक्ति करने के संबंध में नीतिगत निर्णय लिए जाने की आवश्यकता है.
इसी विषय अन्तर्गत यह भी उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग द्वारा माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2018 के द्वितीय चरण (सेकेंड काउसलिंग) में 5670 पदों का विवरण जारी किया गया है. जिसमें हिन्दी, सामाजिक विज्ञान, बायोलॉजी आदि महती विषयों के मात्र 228 पदों की रिक्तता को दर्शाकर भर्ती की कार्रवाई की जा रही है, जो कि कुल जारी रिक्तियों का केवल 4 प्रतिशत है. इस संबंध में शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 में प्रदेश के उत्तीर्ण हुए अभ्यर्थियों द्वारा प्रस्तुत ज्ञापन और सहपत्र संलग्न कर प्रेषित है. ज्ञापन में अभ्यर्थियों द्वारा जारी पदों के अन्यायपूर्ण व असमान वितरण की ओर ध्यान आकृष्ठ कराते हुए इन विषयों में पदों की न्यायपूर्ण वृद्धि कराये जाने का अनुरोध किया गया है.
प्रदेश का न्यूनतम छात्र शिक्षक अनुपात मानकों के अनुकूल नहीं है. प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती भी अनेकों वर्ष बाद की गई है. कोरोना काल में और उसके बाद बेरोजगारी की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है. इन परिस्थितियों में माध्यमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2018 के द्वितीय चरण में महती विषयों में पदों का अन्यायपूर्ण और असमान वितरण किया जाना गंभीर विषय है. भर्ती परीक्षा में उत्तीर्ण चयनित अभ्यर्थियों के प्रतिकूल है. सरकार को उक्त विसंगति के न्यायपूर्ण निराकरण के साथ इन परिस्थितियों में शिक्षकों के रिक्त पदों पर अधिकाधिक नियुक्ति करना चाहिए.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से अनुरोध किया है कि उक्त विषयवस्तु पर अविलम्ब संज्ञान लेते हुए शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में राज्य सरकार स्तर पर नीतिगत निर्णय ले. माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2018 के द्वितीय चरण में विभिन्न विषयों के रिक्त पदों के वितरण के संबंध में न्यायपूर्ण निर्णय कराए. जिससे सभी विषयों के चयनित अभ्यर्थियों को अवसर मिल सके.
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