अरविंद मिश्रा, बलौदाबाजार। प्रदेश साहू समाज के आदर्श विवाह समारोह में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिहं व मंत्री ताम्रध्वज साहू शामिल हुए. समारोह में समाज के विवाह परिचय सम्मेलन व सामाजिक पत्रिका हमर पहुना का विमोचन किया. इसके बाद समाज के लोगों को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दास ने कहा कि सामाजिक एकता के लिए आदर्श विवाह पर जोर दिया जाए. साथ ही समाज के कमजोर व गरीब वर्ग के बच्चों को आईएएस, आईपीएस व उच्च तकनीकी शिक्षा में आगे बढ़ाने के लिए निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की जाए.

रघुवर दास बोले कि वे इसी छत्तीसगढ़ के माटीपुत्र है. जहां उन्होंने जन्म लिया है. गरीबी को बहुत करीब से देखा है और इसी कारण उन्होंने अपने मुख्यमंत्रीत्व काल में मुख्यमंत्री सुकन्या योजना चालू की थी. बच्चियों को बचाने के लिए उनके जन्म पर पांच हजार रुपए व 18 साल की उम्र तक कुल 70 हजार देते थे, ताकि उनकी शिक्षा प्रभावित न हो.

कार्यक्रम अध्यक्षता कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि साहू समाज के आदर्श विवाह से ही प्रेरित होकर उन्होंने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की शुरुआत की थी. साहू समाज शुरू से ही रचनात्मक कार्यों पर जोर देता आ रहा है और इसी से सीखकर मैंने 15 वर्षों तक प्रदेश की सेवा की है. पद में रहना नहीं रहना अलग बात है पर समाज की अच्छी चीजों को धारण अवश्य करना चाहिए.

विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने समाज में व्याप्त बुराईयों को दूर करने के साथ संस्कारित शिक्षा और अनुशासन पर जोर दिया. साथ ही कहा कि लड़ाई राजनीति में होती है, समाज में नहीं होनी चाहिए और ना ही राजनीति को समाज में लाना चाहिए. इससे समाज विखंडित हो जाता है. समाज के सदस्यों को मानवता निर्माण की दिशा में आगे बढ़ते हुए समस्त समाजों का सम्मान करते हुए सामाजिक समरसता को बढ़ाने आगे आना है. उन्होंने आदर्श विवाह कर नव दंपतियों को आशीर्वाद दिया.

इसके पूर्व राज्यगीत अरपा पैरी के धार से कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इसके बाद अतिथियों का स्वागत सत्कार किया गया. अंत में समस्त अतिथियों का समाज के द्वारा सम्मान किया गया. इस अवसर पर प्रमुख रूप से संसदीय सचिव शकुंतला साहू, बलौदाबाजार विधायक प्रमोद शर्मा, साहू समाज के प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन हिरवानी, पूर्व अध्यक्ष मोतीलाल साहू, पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष सहित समाजिक प्रतिनिधि के साथ बड़ी संख्या में सामाजिक बंधू उपस्थित थे.